राम राम साथियों,
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक पद हेतु न्यूनतम योग्यता, चयन आधार, शिक्षक चयन प्रक्रिया, समायोजन व् RTEएक्ट09 के अनुसार रिक्तियाँ आदि सभी छोटे-बड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक माह पूर्व 19मई2017 तक सभी प्रकार की सुनवाइयाँ पूर्ण करके आदेश सुरक्षित कर लिया था।
माननीय न्यायालय में विवादों का प्रारम्भ "72,825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन" प्रक्रिया से सम्बंधित मुद्दों से हुआ। जिस पर प्रथम निर्णय हाइकोर्ट से माननीय न्यायधीश अशोक भूषण जी की डिवीज़न बैंच से 20/11/13 में हुआ। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्य न्यायधीश एच एल दत्तू जी द्वारा 25/03/14 को पुनः मुहर लगा दी गयी औरआगे चलकर यह भर्ती प्रक्रिया माननीय न्यायधीश दीपक मिश्रा जी की बैंच में विचाराधीन रहते लगभग 66हजार पदों पर नियुक्ति पूर्ण हुई व् गतिमान है।
इन सभी आदेशों के आधार पर स्पस्ट रूप से कहा जा सकता है कि "सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय में 72,825 विज्ञापित पदों पर हुआ चयन और विज्ञापन 30/11/11 हेतु चयन आधार टेट मेरिट पूरी तरह से सुरक्षित है।" यही CA4347-4375/2014 का प्रमुख विवाद भी था जिस पर सबसे पहले निर्णय सुरक्षित हुआ।
दूसरे बड़े विवाद के रूप में सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्र समायोजन पर बहस हुई। चूँकि इलाहाबाद हाइकोर्ट की लार्जर बैंच से माननीय न्यायधीश डी बाई चन्द्रचूड़ जी का निर्णय समायोजन के विरुद्ध था तो सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन के पक्षकारों को पूरा समय दिया और समायोजन के सभी पक्षकारों ने देश के जाने-माने वकीलों की सहायता से अपना पक्ष रखा। सभी ने पहले कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया और अंत में कोर्ट द्वारा मर्सी दिखाये जाने की मांग की वहीँ हमने नियमों और कानून के आधार पर अपना पक्ष रखा।
हमने सीनियर एडवोकेट हीरेन पी रावल जी और हमारे एडवोकेट मेहुल एम् गुप्ता जी की सहायता से कोर्ट को अवगत कराया कि "NCTE द्वारा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए बीएड पास अभ्यर्थियों को विशेष छूट प्रदान की और यूपीटीईटी२०११ परीक्षा में बैठने हेतु अनुमति दी। जिस परीक्षा को बीएड अभ्यर्थियों ने अच्छे अंकों से उत्तीर्ण भी किया।" जब 01/01/12 तक जब परिषदीय विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की कमी पूरी नही हो पाई तो NCTE ने हमारी छूट को 31/03/14 तक बड़ा दिया लेकिन सरकार द्वारा यह समय सीमा भी जानबूझ कर निकाल दी गयी और 30/05/14 से प्रदेश में योग्य शिक्षकों की कमी को दिखाते हुए मानक पूरा ना करने वाले शिक्षामित्रों का समायोजन किया गया।"
तथा शिक्षामित्र समायोजन पर हाइकोर्ट में 4सितम्बर से 12सितम्बर2015 तक लगातार हुई मैराथन सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्पस्ट रूप से आदेश में लिखा है कि "शिक्षामित्र समायोजन बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के विरुद्ध है, NCTE द्वारा TET से छूट प्रदान नही की गयी और इसके लिए जो 19वाँ संशोधन राज्य सरकार द्वारा किया गया है उसको करने का राज्य सरकार को अधिकार ही नही है अतः समायोजन असंवैधानिक है।"
हमारे द्वारा कोर्ट को अवगत कराएं गये इन सभी बिंदुओं को सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं नोट डाउन भी किया कि किस तरह योग्य शिक्षकों के होते हुए भी राज्य सरकार द्वारा अयोग्य शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति दी गयी है। जोकि योग्यता व् मानक पूरा करने वाले शिक्षकों के साथ अन्याय है। दूसरे विवाद के रूप में कोर्ट ने समायोजन से सम्बंधित विशेष अनुज्ञा याचिकायें (SLP) और रिक्त पदों पर योग्य अभ्यर्थियों के चयन हेतु परमादेश याचिकाएं (for example WP244/2016) पर निर्णय सुरक्षित हुआ।
तीसरा और अंतिम विवाद 15वें-16वें संशोधन अर्थात गुणांक मेरिट को लेकर था जिस पर हाइकोर्ट की डिवीज़न बैंच से 01/12/16 को माननीय मुख्य न्यायधीश डी बी भोषले जी द्वारा आदेश दिया गया था। भोषले जी का यह आदेश ही सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश का आधार है। जिसके अनुसार कहा जा सकता है कि जो वर्तमान में गुणांक मेरिट है वह #ऐज_इट_इज नही बचेगी किन्तु गुणांक मेरिट और इसके आधार पर हुई भर्तियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इसके लिए हमें अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा करनी ही होगी।
इन तीन प्रमुख विवादों के साथ कई अन्य मुद्दे भी सुनवाई के दौरान रहे है जैसे 12091लिस्ट, पीजीबेस बीएड, क्लासिफिकेसन, 1100 अभ्यर्थियों में शेष रेस्पोंडेंट को याची लाभ, 841एडहॉक नियुक्ति प्राप्त याचियों की भाँति ही अन्य सभी याचिकाकर्ताओं को याची लाभ आदि।
और यदि याची राहत प्रदान ना कर सुप्रीम कोर्ट RTEएक्ट09 के अनुपालन हेतु समस्त रिक्त पदों पर नियुक्ति का आदेश करती है तो ओपन कॉम्पटीशन अर्थात नवीन विज्ञापन में आप सभी को मौका प्रदान किया जायेगा जो विज्ञापन 30/11/11 के अनुसार योग्य है। यहाँ एक बात स्पस्ट कर दूँ कि आपकी कोई परीक्षा नही होने जा रही है आपके यूपीटीईटी प्रमाणपत्र की वैद्यता और बीएड अभ्यर्थियों के चयन हेतु समय सीमा बढ़ चुकी है। शेष अंतिम आदेश के वास्तविक स्वरूप हेतु कोर्ट के खुलने की प्रतीक्षा करें। अंतिम आदेश वर्तमान में दिखाई दे रही शिक्षकों के सरप्लस की समश्या का भी निदान कर देगा।
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है,
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है,
इन्ही पंक्तियों के साथ आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की शुभ कामनाएँ।
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक पद हेतु न्यूनतम योग्यता, चयन आधार, शिक्षक चयन प्रक्रिया, समायोजन व् RTEएक्ट09 के अनुसार रिक्तियाँ आदि सभी छोटे-बड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक माह पूर्व 19मई2017 तक सभी प्रकार की सुनवाइयाँ पूर्ण करके आदेश सुरक्षित कर लिया था।
- समस्त गुणांक पर केवल 72825 को छोड़कर समस्त बीएड अभ्यर्थियों के लिए विचार किया जाना संभव नहीं : हिमांशु राणा
- वर्तमान सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी के साथ हम सबकी ट्रांसफर नीति भी बाँध दी : राकेश यादव
- सुप्रीम कोर्ट निर्णय के सम्बंध में किसी भ्रम में ना पड़ें: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ
- 72825 भर्ती में क्रिटेरया कम करः दिया गया है , रिक्त सीट 90/105 के क्रिटेरया में भरी जायँगी
- बिना जरूरत स्कूलों में जमे शिक्षकों का होगा तबादला
माननीय न्यायालय में विवादों का प्रारम्भ "72,825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन" प्रक्रिया से सम्बंधित मुद्दों से हुआ। जिस पर प्रथम निर्णय हाइकोर्ट से माननीय न्यायधीश अशोक भूषण जी की डिवीज़न बैंच से 20/11/13 में हुआ। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्य न्यायधीश एच एल दत्तू जी द्वारा 25/03/14 को पुनः मुहर लगा दी गयी औरआगे चलकर यह भर्ती प्रक्रिया माननीय न्यायधीश दीपक मिश्रा जी की बैंच में विचाराधीन रहते लगभग 66हजार पदों पर नियुक्ति पूर्ण हुई व् गतिमान है।
इन सभी आदेशों के आधार पर स्पस्ट रूप से कहा जा सकता है कि "सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय में 72,825 विज्ञापित पदों पर हुआ चयन और विज्ञापन 30/11/11 हेतु चयन आधार टेट मेरिट पूरी तरह से सुरक्षित है।" यही CA4347-4375/2014 का प्रमुख विवाद भी था जिस पर सबसे पहले निर्णय सुरक्षित हुआ।
दूसरे बड़े विवाद के रूप में सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्र समायोजन पर बहस हुई। चूँकि इलाहाबाद हाइकोर्ट की लार्जर बैंच से माननीय न्यायधीश डी बाई चन्द्रचूड़ जी का निर्णय समायोजन के विरुद्ध था तो सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन के पक्षकारों को पूरा समय दिया और समायोजन के सभी पक्षकारों ने देश के जाने-माने वकीलों की सहायता से अपना पक्ष रखा। सभी ने पहले कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया और अंत में कोर्ट द्वारा मर्सी दिखाये जाने की मांग की वहीँ हमने नियमों और कानून के आधार पर अपना पक्ष रखा।
हमने सीनियर एडवोकेट हीरेन पी रावल जी और हमारे एडवोकेट मेहुल एम् गुप्ता जी की सहायता से कोर्ट को अवगत कराया कि "NCTE द्वारा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए बीएड पास अभ्यर्थियों को विशेष छूट प्रदान की और यूपीटीईटी२०११ परीक्षा में बैठने हेतु अनुमति दी। जिस परीक्षा को बीएड अभ्यर्थियों ने अच्छे अंकों से उत्तीर्ण भी किया।" जब 01/01/12 तक जब परिषदीय विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की कमी पूरी नही हो पाई तो NCTE ने हमारी छूट को 31/03/14 तक बड़ा दिया लेकिन सरकार द्वारा यह समय सीमा भी जानबूझ कर निकाल दी गयी और 30/05/14 से प्रदेश में योग्य शिक्षकों की कमी को दिखाते हुए मानक पूरा ना करने वाले शिक्षामित्रों का समायोजन किया गया।"
तथा शिक्षामित्र समायोजन पर हाइकोर्ट में 4सितम्बर से 12सितम्बर2015 तक लगातार हुई मैराथन सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्पस्ट रूप से आदेश में लिखा है कि "शिक्षामित्र समायोजन बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के विरुद्ध है, NCTE द्वारा TET से छूट प्रदान नही की गयी और इसके लिए जो 19वाँ संशोधन राज्य सरकार द्वारा किया गया है उसको करने का राज्य सरकार को अधिकार ही नही है अतः समायोजन असंवैधानिक है।"
हमारे द्वारा कोर्ट को अवगत कराएं गये इन सभी बिंदुओं को सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं नोट डाउन भी किया कि किस तरह योग्य शिक्षकों के होते हुए भी राज्य सरकार द्वारा अयोग्य शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति दी गयी है। जोकि योग्यता व् मानक पूरा करने वाले शिक्षकों के साथ अन्याय है। दूसरे विवाद के रूप में कोर्ट ने समायोजन से सम्बंधित विशेष अनुज्ञा याचिकायें (SLP) और रिक्त पदों पर योग्य अभ्यर्थियों के चयन हेतु परमादेश याचिकाएं (for example WP244/2016) पर निर्णय सुरक्षित हुआ।
तीसरा और अंतिम विवाद 15वें-16वें संशोधन अर्थात गुणांक मेरिट को लेकर था जिस पर हाइकोर्ट की डिवीज़न बैंच से 01/12/16 को माननीय मुख्य न्यायधीश डी बी भोषले जी द्वारा आदेश दिया गया था। भोषले जी का यह आदेश ही सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश का आधार है। जिसके अनुसार कहा जा सकता है कि जो वर्तमान में गुणांक मेरिट है वह #ऐज_इट_इज नही बचेगी किन्तु गुणांक मेरिट और इसके आधार पर हुई भर्तियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इसके लिए हमें अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा करनी ही होगी।
इन तीन प्रमुख विवादों के साथ कई अन्य मुद्दे भी सुनवाई के दौरान रहे है जैसे 12091लिस्ट, पीजीबेस बीएड, क्लासिफिकेसन, 1100 अभ्यर्थियों में शेष रेस्पोंडेंट को याची लाभ, 841एडहॉक नियुक्ति प्राप्त याचियों की भाँति ही अन्य सभी याचिकाकर्ताओं को याची लाभ आदि।
- यूपी के ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों के 46 हजार से ज्यादा पद खाली , इन जिलों में है शिक्षकों की कमी
- 72825 टेट मेरिट और 839 कौन से विधि के नियम पर है...क्या इसे सुनबाई कहते हैं , जिसमे 95 % sm के वकीलों को सुना गया , और हमको मात्र 5 %
- शिक्षा मित्र जो बिना टेट पास है उनको कोई नही बचा सकता , 24 feb के आदेश का पालन होगा
- जनरल ऑर्डर आएगा : सभी टेट पास रिक्त पदों के योग्य , सभी टेट 2011 पास को ये नौकरी मिलेगी
और यदि याची राहत प्रदान ना कर सुप्रीम कोर्ट RTEएक्ट09 के अनुपालन हेतु समस्त रिक्त पदों पर नियुक्ति का आदेश करती है तो ओपन कॉम्पटीशन अर्थात नवीन विज्ञापन में आप सभी को मौका प्रदान किया जायेगा जो विज्ञापन 30/11/11 के अनुसार योग्य है। यहाँ एक बात स्पस्ट कर दूँ कि आपकी कोई परीक्षा नही होने जा रही है आपके यूपीटीईटी प्रमाणपत्र की वैद्यता और बीएड अभ्यर्थियों के चयन हेतु समय सीमा बढ़ चुकी है। शेष अंतिम आदेश के वास्तविक स्वरूप हेतु कोर्ट के खुलने की प्रतीक्षा करें। अंतिम आदेश वर्तमान में दिखाई दे रही शिक्षकों के सरप्लस की समश्या का भी निदान कर देगा।
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है,
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है,
इन्ही पंक्तियों के साथ आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की शुभ कामनाएँ।
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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