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UPSC में नंबरों की रेस तेज, कट ऑफ मार्क लगातार गिरने का ट्रेंड बदला: यह है नया ट्रेंड

देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा में इस साल कैंडिडेट्स को सफल होने के लिए अधिक अंक लाने पड़े। पिछले कुछ सालों से कट ऑफ मार्क कम होने का ट्रेंड इस साल बदला दिख रहा है।
वह भी तब जब लगातार दूसरे साल आर्ट्स स्ट्रीम की सफलता दर बढ़ती दिख रही है। इस साल पूरे देश में टॉप करने वाली नंदिनी के आर को परीक्षा में 55.3 फीसदी अंक मिले।

सोमवार को यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन की ओर से सभी सफल कैंडिडेट के अंक जारी किए गए। यूपीएससी के सूत्रों के अनुसार अगले हफ्ते बाकी सभी प्रतिभागियों के अंक भी घोषित कर दिए जाएंगे जो परीक्षा में सफल नहीं हो सके।

लगातार दूसरे  साल ट्रेंड ब्रेक
रिजल्ट 31 मई को घोषित किए गए थे। हालांकि लगातार दूसरे साल यूपीएससी ने परंपरा को तोड़ते हुए उस ट्रेंड को जारी नहीं किया जिससे पता चले कि इंजिनियर, मेडिकल और अन्य स्ट्रीम के कितने कैंडिडेट्स ने परीक्षा में सफलता पाई। सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर पिछले कुछ सालों से हो रहे तमाम विरोध के कारण इस बार भी जारी नहीं किया गया है। आरोप लग रहे थे कि परीक्षा में इस तरह का पैटर्न बना दिया गया जिससे इंजिनियरिंग या मेडिकल बैकग्राउंड को अधिक लाभ हो रहा है।

नंदिनी को कुल 2025 में से 1120 यानी कुल 55.3 प्रतिशत अंक मिले हैं। इनमें मेंस में 927 और इंटरव्यू में 193 अंक मिले हैं। दूसरे नंबर पर रहे अनमोल शेर सिंह बेदी को 54.37 प्रतिशत अंक मिले हैं।
कुल 2025 नंबरों की परीक्षा होती है।
इंटरव्यू 275 नंबरों का होता है।
मुख्य परीक्षा : कुल 1750 नंबर


प्रारंभिक परीक्षा : इनमें 200 नंबरों के दो पेपर होते हैं। एक पेपर जनरल नॉलेज का जबकि दूसरे पेपर में एप्टिट्यूड टेस्ट होता है। दूसरा सी सैट पेपर होता है जो क्वालिफाइंग होता है। इसका अंक जोड़ा नहीं जाता है।


प्री : कुल 400 नंबर
यह है नया ट्रेंड
1-सामान्य और रिजर्व कोटे के स्टूडेंट के बीच अंकों का अंतर और घटा। सबसे अधिक अंक लाने वाली नंदिनी ओबीसी कैटिगरी की हैं।

2-कट ऑफ मार्क्स में लगातार गिरावट का ट्रेंड था। इस बार सभी परीक्षाओं में इसमें वृद्धि हुई है। मेंस और फाइनल में भी तो 100 अंक की वृद्धि हुई है कट ऑफ अंक में।

3-सी सैट पेपर को क्वालिफाइंग बनाने का सीधा असर लगातार दूसरे साल आर्ट्स कैंडिडेट्स पर पड़ा है। इस बार सफल होने की इनकी संख्या अधिक है।
अनमोल शेर सिंह
नंदिनी के आर
टॉपर्स ने मनाया सफलता का जश्न
जनरल और आरक्षित कोटे के स्टूडेंट के बीच का अंतर और कम हुआ• टॉप 100 सफल प्रतिभागियों में 8 हिंदी विषय वाले
सामान्य ओबीसी एससी एसटी

प्री 116.00 110.66 99.34 96.00

मेंस 787 745 739 730

फाइनल 988 951 937 920


इसमें 250 नंबरों के जनरल नॉलेज के 4 पेपर होते हैं। कुल 1000 नंबर

500 नंबर किसी एक ऑप्शनल सब्जेक्ट के लिए होते हैं, जिसमें 250-250 नंबरों के दो पेपर होते हैं।

250 नंबरों का एक निबंध लिखना होता है।

इनमें हर पेपर में कम से कम 10 पर्सेंट नंबर लाना जरूरी होता है।
इस बार सिविल सर्विस में हिंदी मीडियम कैंडिडेट्स की पोजिशन में सुधार आया है। 2013 में टॉप 100 में एक भी कैंडिडेट नहीं था, मगर इस बार टॉप 100 में 8 कैंडिडेट्स हैं। दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर केडी सिंह ने बताया कि इस बार 1099 कैंडिडेट्स की लिस्ट में 57 स्टूडेंट्स हिंदी मीडियम से हैं। उनका दावा है कि 41 हमारी अकैडमी से ही हैं। इसी तरह टॉप 100 में हिंदी मीडियम के 7 कैंडिडेट्स हैं। सिंह कहते हैं, बदले पेपर पैटर्न, सी-सेट के आने के बाद हिंदी मीडियम कैंडिडेट्स की मुश्किलों को लेकर इस बीच कैंडिडेट्स के आंदोलन भी हुए। इसके बाद यह सुधार एक अच्छी खबर है।
हिंदी मीडियम की शानदार वापसी...

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