समायोजित शिक्षामित्रों ने बुधवार से स्कूल नहीं जाने का किया एलान, हार न मानते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करने का किया फैसला

शिक्षामित्रों ने हार न मानते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा है कि अब राज्य सरकार चाहे तो वह नियम बना कर शिक्षामित्रों को पूर्ण अध्यापक का दर्जा दे सकती है।
समायोजित शिक्षामित्रों ने बुधवार से स्कूल नहीं जाने का ऐलान किया है।
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा कि फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। अब हमारी निगाहें सरकार की तरफ है। यदि सरकार कोई सकारात्मक घोषणा नहीं करती तो हम कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह कोई सकारात्मक कदम उठा कर हमारे भविष्य को सुरक्षित करे। अगर जलीकट्टू के आयोजन के लिए बिल लाया जा सकता है तो शिक्षामित्रों को समायोजित करने के लिए भी सरकार विशेष प्राविधान कर सकती है।
वहीं उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि हम वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मदद ले रहे हैं। शिक्षामित्र संविधान और सरकार पर भरोसा रखे। निर्णय हमारे पक्ष में नहीं आया है लेकिन सभी शिक्षामित्रों से अपील है कि वे हिम्मत न हारे और निराशा में कोई गलत कदम न उठाए। सरकार से भी हम वार्ता करेंगे और केन्द्र व राज्य सरकारों के साथ संपर्क करेंगे। कोई न कोई हल जरूर निकलेगा।


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