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Breaking : उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की योगी से वार्ता विफल, आंदोलन तेज होने के संकेत

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों ने फिर से जबरदस्त आंदोलन छेड़ दिया है। नए सिरे से हो रहे इस आंदोलन के दूसरे दिन बड़ी संख्या में शिक्षामित्र जिले-जिले सड़कों पर नजर आए।
उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में शिक्षा से जुड़े अधिकारियों का घेराव, सरकार विरोधी नारेबाजी, रोड जाम, रेल जाम, जुलूस और कई तरह के विरोध प्रदर्शन किए। साथ ही कैबिनेट प्रस्ताव की प्रतियों की होली जलाई। कई जिलों में प्रदर्शनकारी शिक्षामित्रों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान आज कानपुर में शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला लेकिन उनसे वार्ता के बाद मानदेय बढ़ोतरी पर निराशा हाथ लगी। इसके बाद हक की लड़ाई के लिए शिक्षामित्रों ने कल से आंदोलन और तेज करने की तैयारी कर ली है। वह सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने सुविधाएं बहाल होने तक आंदोलन जारी रखने का अल्टीमेटम दिया है।
पूर्वांचल में आंदोलन हिंसक
आज से शिक्षामित्रों ने हिंसक विरोध शुरू कर दिया है। गोरखपुर व आसपास के जिलों में गंभीर हालात पैदा हो गए हैं। कुशीनगर में प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्रों ने भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य लल्लन मिश्र के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। दो घंटे तक शहर में बवाल किया और कई बार पुलिस से झड़प हुई। बस्ती में ट्रेन रोकने जा रहे 250 शिक्षामित्रों को गिरफ्तार करने के बाद रिहा कर दिया गया। संतकबीर नगर में डीएम को ज्ञापन सौंपने जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट की तरफ रवाना हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। महराजगंज में डीएम दफ्तर पर अद्र्धनग्न प्रदर्शन कर विरोध जताया। देवरिया में बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर सुभाष चौक पर सड़क जाम कर दिया। सिद्धार्थनगर में बीएसए दफ्तर पर धरना चला। लखनऊ में गुरुवार को भी आंदोलन जारी रहा। कक्षाओं के बहिष्कार के साथ उन्होंने जगह-जगह धरना प्रदर्शन किया। सरकार पर दमनकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाया। शिक्षामित्रों और उनके संगठनों के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उनके और रिश्तेदारों के घरों पर छापे मार रही है। आदर्श समायोजित शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि शिक्षामित्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि शिक्षक पद पर रहते हुए उन्हें 2019 तक न्यूनतम अर्हता प्राप्त करने की छूट दी जाए, लेकिन सरकार पर अपनी जिद पर अड़ी है।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जाने को अडऩे पर बल प्रयोग 
हमीरपुर  के शिक्षामित्रों ने कानपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में जाने का रुख किया तो कोतवाली पुलिस ने लक्ष्मीबाई तिराहा के पास रोक लिया। वह पुलिस जीप में बैठने की बजाय सड़क पर बैठ कर नारेबाजी करने लगे। यह देख पुलिस को हलका बल प्रयोग भी करना पड़ा। बांदा में शिक्षा मित्रों ने क्योटरा रेलवे क्राङ्क्षसग पर रेल यातायात को बाधित किया। करीब 10 मिनट तक कानपुर पैसेंजर ट्रेन आउटर पर खड़ी रही। पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। फर्रुखाबाद में बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन के बाद अद्र्धनग्न होकर कलेक्ट्रेट तक पैदल जुलूस निकाला। फतेहपुर में शिक्षामित्रों ने गिरफ्तारी दी जिन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। इलाहाबाद में अर्द्धनग्न प्रदर्शन हुआ।
मंत्री मौर्य व तिवारी के सामने प्रदर्शन
हाथरस के मेला श्री दाऊजी महाराज में सहकारिता व पंचायतीराज सम्मेलन में आए प्रदेश के श्रम व सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य व प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी को शिक्षामित्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। शिक्षामित्रों ने नगर पालिका परिषद से जुलूस शुरू किया और पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचकर दोनों मंत्रियों के सामने जमकर नारेबाजी की। कैबिनेट मंत्री के आश्वासन पर शिक्षामित्र भड़क गए और उनके समक्ष ही मानेदय के आदेश की प्रतियां जलाई और मंत्री वापस जाओ, वापस जाओ के नारे लगाए। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। मंत्री मौर्य ने कहा कि शिक्षामित्रों का मामला बेहद गंभीर है। केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत मानदेय लागू किया गया है।
शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं बढ़ेगा
आंदोलित शिक्षामित्रों का प्रतिनिधिमंडल आज कानपुर में एक समारोह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला। शिक्षामित्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री से वार्ता में मानदेय बढ़ोतरी पर निराशा हाथ लगी। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले शिक्षामित्र त्रिभुवन सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि दस हजार रुपये का निश्चित मानदेय ही उन्हें मिलेगा। इसमें बढ़ोत्तरी करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। कोर्ट के आदेश पर उनका मानदेय तय किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से समान कार्य समान वेतन के लिए निवेदन किया लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया। कहा कि पहले मानदेय 3500 रुपये था जिसे सरकार ने बढ़ाकर दस हजार रुपये कर दिया है। शिक्षामित्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री से उन्हें जो अपेक्षाएं थीं, वह पूरी न होने पर वे दिल्ली की ओर रुख करेंगे। हक की लड़ाई लडऩे के लिए दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।
बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां
कुशीनगर में रास्ता जाम करने जा रहे शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष अखिलेश चतुर्वेदी को कसया पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसकी जानकारी होते ही शिक्षामित्र मौके पर पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी कर पुलिस हिरासत से अपने जिला अध्यक्ष को मुक्त करा लिया है। पुलिस चतुर्वेदी को जीप में बैठकर कही ले जा रही थी। बस्ती में ट्रेन रोकने जा रहे शिक्षामित्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया है। कुछ महिला शिक्षामित्रों को बसों से ले जाया गया तो अधिकांश शिक्षामित्र पैदल ही पुलिस लाइंन पहुंचे। पुलिस धारा 151 में उनका चालान करने के बाद शाम को उन्हें रिहा करने की तैयारी कर रही है।
क्या है कैबिनेट का फैसला
उल्लेखनीय है कि कल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कैबिनेट ने शिक्षामित्रों को दस हजार मानदेय देने पर मुहर लगाई थी। फैसले से शिक्षक पद पर समायोजित 1.37 लाख शिक्षामित्र पहली अगस्त, 2017 से मूल पद पर वापस हो रहे हैं। शिक्षामित्रों को 11 माह मानदेय मिलना है। शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को रद कर दिया था। बीती 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए उनके समायोजन को रद करने का निर्णय सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार समायोजित शिक्षामित्रों को मूल पद पर वापस करने के लिए नियमावली में संशोधन किया गया।
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