Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

प्रदेश के शिक्षामित्रों को मूल तैनाती वाले विद्यालय में भेजने के आदेश का पालन नहीं, यह होगी मूल विद्यालय में जाने की शर्तें

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्र अब मूल विद्यालयों में वापस लौटना चाहते हैं। लेकिन, सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों को फिर से मूल पद पर मूल तैनाती स्थल पर भेजने के शासन के आदेश का पालन नहीं होने पर शिक्षामित्रों ने हाईकोर्ट की शरण ली है।
याचिका दाखिल कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से समायोजन रद करने के आदेश के बाद शासन ने शिक्षामित्रों को उनके मूल तैनाती वाले विद्यालय या जहां वह सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित थे, वहीं काम करने का विकल्प देने का आदेश दिया था, मगर इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है। इससे शिक्षामित्रों को कम मानदेय में काम करने में परेशानी हो रही है। प्रभात कुमार वर्मा और अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार से जवाब-तलब किया है। याची के अधिवक्ताओं एके त्रिपाठी और अनिल सिंह बिसेन का कहना था कि 25 जुलाई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन निरस्त कर दिया था। इसके बाद शासन ने निर्णय लिया कि शिक्षामित्रों को उनके मूल पद पर दस हजार रुपये मानदेय पर 11 माह के लिए उनके मूल तैनाती स्थल अथवा वर्तमान तैनाती स्थल जहां वह चाहें वहां समायोजित किया जाएगा। यह विद्यालय उनके आवास से काफी दूर दराज के इलाकों में हैं जिससे कम मानदेय होने के कारण उनको आवागमन में परेशानी हो रही है, जबकि मूल तैनाती स्थान उनके घर के समीप ही है।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates