आश्रित कोटे के अध्यापकों को लाभ मानदेय पाने वालों को झटका, पुरानी पेंशन और जीपीएफ विवाद का हाईकोर्ट से हुआ निस्तारण

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशिक्षित सहायक अध्यापकों को पेंशन व जीपीएफ विवाद का कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एक अप्रैल 2005 से पहले से निर्धारित वेतन पर आश्रित कोटे से नियुक्त और कार्यरत
अप्रशिक्षित अध्यापक जिन्होंने बाद में विशिष्ट बीटीसी कोर्स किया, उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम व जीपीएफ का लाभ मिलेगा। वहीं, विशिष्ट बीटीसी 2004 प्रशिक्षित अध्यापक जो एक अप्रैल 2005 से पहले 25 सौ रुपये भत्ते यानी मानदेय पर दिसंबर 2005 में नियुक्त हुए लेकिन, बाद में बीटीसी कोर्स किया वे पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ नहीं पाएंगे।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने महेश प्रसाद सहित दर्जनों अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया। कोर्ट ने आकाशदीप व दर्जनों अन्य की याचिकाएं खारिज कर दीं। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, अनूप त्रिवेदी व प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने बहस की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट कर दिया कि आश्रित कोटे में 2005 से पहले नियुक्त और बाद में प्रशिक्षण प्राप्त अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा लेकिन, 2005 से पहले मानदेय पर कार्यरत और फिर बीटीसी करने के बाद नियुक्त अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा।
कोर्ट के सामने दो तरह की याचिकाएं थी। 2000 के शासनादेश के तहत आश्रित कोटे में नियुक्त अध्यापकों को पुरानी स्कीम का लाभ मिलेगा। दूसरे याची वे थे जिन्होंने 2004 विशिष्ट बीटीसी एक अप्रैल 2005 से पहले की और दिसंबर 2005 में सहायक अध्यापक नियुक्त हुए। कोर्ट ने कहा कि एक अप्रैल 2005 के बाद बीटीसी कोर्स जिन्होंने पूरा किया उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा।’