लखनऊ : दारोगा भर्ती-2016 की परीक्षा में कई सॉल्वर बैठे थे। इनमें 22
को चिह्न्ति कर लिया गया है। छह के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिले हैं, जबकि 16
संदिग्ध अभ्यर्थी उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति के सामने हाजिर ही नहीं
हुए। भर्ती बोर्ड जल्द इस मामले में एफआइआर दर्ज कराएगी।
इससे पूर्व
संदिग्ध अभ्यर्थियों के बारे में कुछ अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही
है। उपनिरीक्षक के पदों पर सीधी भर्ती-2016 के अभ्यर्थियों की बीते दिनों
दौड़ कराई गई थी। तब अभिलेखों की संवीक्षा व शारीरिक मानक परीक्षा के दौरान
141 अभ्यर्थियों का बायोमैटिक मिलान नहीं हुआ था। इस पर भर्ती बोर्ड ने 17
व 18 जुलाई को सभी 141 अभ्यर्थियों को दस्तावेजों के साथ बुलाया था। इन
अभ्यर्थियों के बायोमैटिक मिलान के लिए भर्ती बोर्ड ने पुलिस अधीक्षक की
अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, जिसमें एफएसएल के फिंगरप्रिंट व फोटो किट
एक्सपर्ट भी शामिल किए गए थे। संदेह के घेरे में अभ्यर्थियों की विशेषज्ञों
की मदद बायोमैटिक जांच कराई गई थी। बताया गया कि अंतिम चरण में 33
संदिग्धों को बुलाया गया था, जबकि शेष को क्लीन चिट दे दी गई थी। बीते
दिनों तलब किए गए संदिग्ध अभ्यर्थियों में 17 उपस्थित हुए थे, जिनमें 10 को
क्लीन चिट दे दी गई।
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