याचियों का कहना था कि अभी चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है। ऐसे में बीएलओ के रूप में उनकी ड्यूटी लगाकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराना सही नहीं है। इस पर अदालत ने फिलहाल शिक्षकों की बीएलओ के तौर पर ड्यूटी लगाने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार व अन्य पक्षकारों को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। इसके बाद याचियों को प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- आश्रम पद्धति के स्कूल के शिक्षकों का वर्तमान वेतनमान/मानदेय
- LAKHIMPUR vacant seats positions : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Latest updates
शिक्षकों से बीएलओ ड्यूटी लेने पर हाईकोर्ट की रोक, राज्य सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा कानून (आरटीई एक्ट) के
प्रावधानों के मद्देनजर शिक्षकों की बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) के रूप में
ड्यूटी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा
है कि याची शिक्षकों की बीएलओ के रूप में ड्यूटी न लगाई जाए।
जस्टिस इरशाद अली ने यह आदेश रचना पांडेय व अन्य शिक्षकों की याचिका पर
दिया है। याचियों ने मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के लिए बीएलओ के रूप में
ड्यूटी रद्द करने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि एक्ट की धारा 27 कहती
है कि शिक्षकों की गैर शिक्षण कामों में ड्यूटी न लगाई जाए। उनकी ड्यूटी
जनगणना, आपदा राहत कार्य, नगर पालिका व विधानसभा या लोकसभा चुनावों से
संबंधित कार्यों के लिए ही लगाई जा सकती है।
याचियों का कहना था कि अभी चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है। ऐसे में बीएलओ के रूप में उनकी ड्यूटी लगाकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराना सही नहीं है। इस पर अदालत ने फिलहाल शिक्षकों की बीएलओ के तौर पर ड्यूटी लगाने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार व अन्य पक्षकारों को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। इसके बाद याचियों को प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
याचियों का कहना था कि अभी चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है। ऐसे में बीएलओ के रूप में उनकी ड्यूटी लगाकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराना सही नहीं है। इस पर अदालत ने फिलहाल शिक्षकों की बीएलओ के तौर पर ड्यूटी लगाने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार व अन्य पक्षकारों को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। इसके बाद याचियों को प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।