परिषदीय विद्यालयों में 68500 शिक्षकों की भर्ती में चयनित 41556 शिक्षकों
की सारी उम्मीद अब शासन की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट पर टिकी है।
कमेटी की ओर से शिक्षक भर्ती की कापियों के दोबारा मूल्यांकन और स्क्रूटनी
के फैसले के बाद भी परीक्षार्थी नाउम्मीद हैं।
उनका कहना है कि जब पूरी
कापी में गड़बड़ी है तो दोबारा मूल्यांकन और स्क्रूटनी से क्या होगा। वहीं
सचिव का कहना है कि उनको कापियों के दोबारा मूल्यांकन अथवा स्क्रूटनी के
लिए शासन की ओर से कोई दिशानिर्देश नहीं मिला है।
शिक्षक भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, उत्तर पुस्तिकाओं में
परीक्षार्थियों के लिखे उत्तर बदलने, कापी फाड़े जाने और कापी में अधिक अंक
के बाद कम नंबर दिए जाने को लेकर परीक्षार्थियों ने शिकायतें दर्ज कराई
थीं। इसके आधार शासन की ओर से गठित कमेटी के प्रमुख गन्ना एवं चीनी सचिव
संजय भूस रेड्डी ने यह संकेत दिया था कि कापियों का दोबारा मूल्यांकन ही
शिकायत निवारण का पहला और अंतिम विकल्प है। वहीं परीक्षा नियामक की ओर से
लगातार परीक्षार्थियों को स्कैन कापी भेजी जा रही हैं। सचिव परीक्षा नियामक
अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि शनिवार को भी 200 परीक्षार्थियों को
स्कैन कापी भेजी गई।
परीक्षार्थियों को भेजी गई कापियों में हेराफेरी
परीक्षार्थियों को भेजी जा रही स्कैन कापी और कार्बन कापी का मिलान करने पर
बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आ रही है। आजमगढ़ की संध्या ने जब स्कैन
कापी और कार्बन कापी का मिलान किया तो उनको कई उत्तरों के साथ छेड़छाड़
मिली। इसी प्रकार की गड़बड़ी भदोही के अमित तिवारी की कॉपी में मिली,
उन्हें स्कैन कापी में 87 अंक मिले हैं, जबकि रिजल्ट में मात्र 19 अंक मिले
हैं।