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जीतेन्द्र सिंह सेंगर की कलम से : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

साथियों जैसा कि सुप्रीम-कोर्ट ने अपने आदेश के अंतिम तीन पंक्तियों में स्वतः ही contempt का हवाला दिया है तो ऐसे में जबरदस्ती contempt करके लॉयर खड़ा करना क्या यथोचित लगता है , आप खुद ही तार्किक ढंग से सोचें , एक बार आप भी हिंदी अनुवाद में पढ़ लीजिये आखिरी की तीन पंक्तियों का अर्थ :
“सक्षम प्राधिकरण इस बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा कि आदेश का पालन कहाँ तक किया गया , ऐसा न करने पर वह विधिसंगत दण्ड का भागी होगा | ध्यान रहे कानून नियमों ओर न्यायालयों के आदेशों की अवज्ञा का समर्थन नहीं करता है |”


अब बात है सच की contempt करने वालों से पिछले तीन दिनों से हम contempt की फाइल मांग रहे हैं क्यूँ नहीं दिखा रहे और जब contempt नहीं है तो क्या औचित्य है हाई-कोर्ट के अधिवक्ता को बुलाकर पैसे खर्च करने का जबकि उतने पैसे में या सब पैसे मिलाकर टॉप-मोस्ट लॉयर खड़ा किया जा सकता था |
अजय ठाकुर की एसएलपी ११६७१/२०१४ पर आरपी भट्ट (९०% टैक्स से सम्बंधित मेटर देखते हैं) को खड़ा करना और ऐसी एसएलपी पर जिसमे अकादमिक को वरीयता तथा संभव हो तो टीईटी को भारांक देने कि बात है और साथ ही २०/११/२०१३ के आदेश के विरूद्ध पड़ी है जिससे साफ़ पता चलता है कि वो एसएलपी टीईटी मेरिट विरोधी है | क्या यह एसएलपी कहीं से उचित है ? अगर इस एसएलपी पर कहीं अनुचित बेहेस हो गयी और संभावित गड़बड़ी हुई तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा ?
contempt और एसएलपी पर खड़े किये गए दोनों अधिवक्ताओं कि पूरी फीस २४ फ़रवरी को ही अदा कि जा चुकी है जिसमे मेरे खाते से २८००० + दिए जा चुके है |
हमारी इम्प्लीमेंटेशन में ऐसे डाक्यूमेंट्स लगाये हैं जो किसी भी फाइल में नहीं लगे हैं और कोर्ट में डाक्यूमेंट्स ही बोलते हैं और ये बात केवल बौद्धिक और तार्किक टीईटी अभ्यर्थी ही जानता है | सरकार द्वारा ७२८२५ पदों का जो बैरियर लगाया है , हमरी आईए में लगे डाक्यूमेंट्स के माध्यम से ७२८२५ पदों का बैरियर तुडवा कर ७२८२६वा पद क्रिएट होगा और यहीं से सफलता कि कहानी में १०५/९७ अंक वालों की नियुक्ति के आदेश को कंप्लायंस कराते हुए चरण दर चरण टीईटी-२०११ पास समस्त अभ्यर्थियों के लिए एक सुनेहरा रास्ता खुलेगा | हमारी आईए १९९६ का सुप्रीम-कोर्ट का ऐसा आर्डर लगा हुआ जो सरकार इसी विज्ञापन पर ही खाली पदों को जोड़ने के लिए मजबूर कर देगा यही डाक्यूमेंट्स है हमारा ब्रह्मास्त्र |
साथियों जिस प्रकार फर्जीवाड़े को लेकर हमने हाई-कोर्ट में रिट दाखिल करते हुए सुप्रीम-कोर्ट तक फर्जीवाड़े पर क्रमांक ४३५४/२०१४ respondent के थ्रू पीएन रामालिंगम को खड़ा कर १७/१२/२०१४ के एससी के आदेश में पेज न. ५ कि तीसरी व चौथी लाइन में मालप्रैक्टिस (धांधली व अनाचार में लिप्त) वालों को बाहर करके ही भरती पूरी करने का आदेश दिया गया है | यह सब हमारे प्रयासों व आपके विश्वास का ही सफल परिणाम है कि फर्जिवाले बाहर किये जा रहे हैं और हम प्रतिबद्ध हैं कि एक-एक फर्जिवालों को बाहर करके रहेंगे | हमने अपनी आईए के लिए सीनियर अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा जी को आएर किया है जो कि बिहार हाई कोर्ट के सर्विस मेटर के जज रह चुके हैं जिनकी पीएस पटवालिया जैसी बोलने कि जबरदस्त प्रेजेंटेशन व शेली है और ये चीज़ कल ब्रीफ में गए अन्य साथी देख भी आये हैं |
साथियों अधिवक्ता की फीस में ६५०००-७०००० की कमी पड़ रही है जिसे आज २ बजे से पहले देना है क्यूंकि कोर्ट में सुनवाई है | यह सब टीम ने उनसे आप लोगों के सहारे पर ही देने को कहा है | हमारे प्रयास आप सबके विशवास पर खरे उतरे इसी आशा के साथ कदम बड़ा रहे हैं | अतः आप सबका कर्तव्य भी है और आप सभी से अनुरोध भी है कि शेष फीस को देने के लिए सभी मेरे अकाउंट में सहयोग करें |
सोशल मीडिया की अफवाहों का ध्यान न दें |


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