शासन ने परिषदीय विद्यालयों को विकास निधि का बजट किया रिलीज
सीतापुर। शासन ने परिषदीय विद्यालयों को विकास निधि का बजट रिलीज कर दिया है। इस बजट से परीक्षा संबंधी सामग्री, चाक, टाट पट्टी सहित अन्य सामग्री खरीदी जाती है। यह बजट शैक्षिक सत्र 2014-15 का है। हालांकि सत्र समाप्त हो चुका है। ऐसे में इस बजट को शिक्षक अपने बकाएं में समायोजित करेंगे। जिस पर बेसिक विभाग ने विद्यालयों के खातों में बजट भेजना शुरू कर दिया है।
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सीतापुर। शासन ने परिषदीय विद्यालयों को विकास निधि का बजट रिलीज कर दिया है। इस बजट से परीक्षा संबंधी सामग्री, चाक, टाट पट्टी सहित अन्य सामग्री खरीदी जाती है। यह बजट शैक्षिक सत्र 2014-15 का है। हालांकि सत्र समाप्त हो चुका है। ऐसे में इस बजट को शिक्षक अपने बकाएं में समायोजित करेंगे। जिस पर बेसिक विभाग ने विद्यालयों के खातों में बजट भेजना शुरू कर दिया है।
प्रत्येक परिषदीय विद्यालयों में विकास निधि का खाता होता है। इस निधि में
प्रत्येक वर्ष बजट भेजा जाता है। इस बजट को आकस्मिक व्यय बजट भी कहते है।
इससे विद्यालय में शैक्षिक कार्यक्रम के अलावा टाट पट्टी, चाक आदि सामग्री
खरीदी जाती है। इसके अलावा परीक्षा के लिए विद्यालय को अलग से कोई बजट नही
दिया जाता है। परीक्षा सामग्री भी इसी बजट से खरीदी जाती है। सत्र शुरूआत
के दो माह के अंदर यह बजट स्कूल को भेज दिया जाता है। लेकिन इस बार बजट आने
में बहुत देरी हो गई। जिसके असर परिषदीय परीक्षाओं पर साफ दिखाई दिया।
हालत यह रहे कि बच्चों को उत्तर पुस्तिकाएं व प्रश्नपत्र तक नहीं मिले थे।
शिक्षकाें ने इसके पीछे बजट का रोना रोया था। आखिरकार ने शासन ने शैक्षिक
सत्र 2014-15 का बजट रिलीज कर दिया है। प्राथमिक विद्यालय को पांच हजार
रुपये के हिसाब से बजट भेजा गया है। इसी प्रकार जूनियर विद्यालयों को सात
हजार का बजट भेजा गया है। बजट मिलते ही बेसिक विभाग ने विद्यालयों के खातों
में भेजना शुरू कर दिया है।
टीएलएम का मिला पैसा
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षामित्र को टीचिंग लर्निग मैटेरियल के तहत बजट मिलता है। इस बजट से टीचिंग संबंधी सामग्री खरीदी जाती है। प्रति शिक्षक को 500 रुपये वार्षिक मिलते है। यह बजट भी रिलीज कर दिया गया है।
25 प्रतिशत ड्रेस का हुआ भुगतान
परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक नौनिहालों को दो सेटों में निशुल्क ड्रेस दी जाती है। एक सेट यूनीफॉर्म पर 200 रुपये खर्च किए गए है। शासन द्वारा पहली किश्त के रूप में 75 प्रतिशत बजट दिया गया था। शेष बजट ड्रेस के सत्यापन करने के बाद रिलीज करना था। यह 25 प्रतिशत बजट भी रिलीज कर दिया गया है।
खातों में भेजने की शुरू हुई कवायद
शासन द्वारा विद्यालय विकास निधि, बकाया ड्रेस भुगतान व टीचिंग लर्निग मैटेरियल का बजट मिला है। इसको संबंधित स्कूलों के खातों में भेजा जा रहा है।
- वाईके मिश्रा, खंडशिक्षाधिकारी
टीएलएम का मिला पैसा
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षामित्र को टीचिंग लर्निग मैटेरियल के तहत बजट मिलता है। इस बजट से टीचिंग संबंधी सामग्री खरीदी जाती है। प्रति शिक्षक को 500 रुपये वार्षिक मिलते है। यह बजट भी रिलीज कर दिया गया है।
25 प्रतिशत ड्रेस का हुआ भुगतान
परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक नौनिहालों को दो सेटों में निशुल्क ड्रेस दी जाती है। एक सेट यूनीफॉर्म पर 200 रुपये खर्च किए गए है। शासन द्वारा पहली किश्त के रूप में 75 प्रतिशत बजट दिया गया था। शेष बजट ड्रेस के सत्यापन करने के बाद रिलीज करना था। यह 25 प्रतिशत बजट भी रिलीज कर दिया गया है।
खातों में भेजने की शुरू हुई कवायद
शासन द्वारा विद्यालय विकास निधि, बकाया ड्रेस भुगतान व टीचिंग लर्निग मैटेरियल का बजट मिला है। इसको संबंधित स्कूलों के खातों में भेजा जा रहा है।
- वाईके मिश्रा, खंडशिक्षाधिकारी
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