पेंशन मुद्दे पर एकजुट हुए केंद्र और राज्य कर्मचारी
23 नवंबर को रेल रोको आंदोलन में भाग लेंगे 18 लाख राज्य कर्मी
शेयर आधारित पेंशन योजना में खामियां बता रहे हैं कर्मचारी
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23 नवंबर को रेल रोको आंदोलन में भाग लेंगे 18 लाख राज्य कर्मी
शेयर आधारित पेंशन योजना में खामियां बता रहे हैं कर्मचारी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शेयर आधारित पेंशन का मुद्दा फिर जोर पकड़ने वाला
है। अभी तक अलग-अलग लड़ रहे केंद्र व राज्य कर्मचारी के संगठनों ने एकजुट
होकर सरकार को तनाव देने का निर्णय किया है। अब केंद्रीय कर्मचारियों के 23
नवंबर को देश में रेल रोको आंदोलन में उत्तर प्रदेश के 18 लाख कर्मचारी भी
हिस्सा लेंगे। राज्य कर्मचारी उस दिन दफ्तरों में ताला डालकर जगह-जगह रेल
रोककर अपना विरोध जताने के साथ एकजुटता भी प्रदर्शित करेंगे।
पेंशन मुद्दे को लेकर 28 अप्रैल को केंद्रीय कर्मचारियों के दिल्ली में हुए प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने भी हिस्सेदारी निभाते हुए आगे भी मिलकर लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है। 1राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी कहते हैं कि शेयर आधारित पेंशन न तो केंद्रीय और न ही राज्य कर्मचारियों को मंजूर है। दोनों संगठन अलग-अलग विरोध दर्ज कराते रहे हैं। अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए केंद्रीय राज्य कर्मचारियों ने राज्य कर्मचारियों को साथ मिलाकर मोर्चा बनाया है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के कर्मचारी संगठन भी जल्द मोर्चा का हिस्सा बन जाएंगे। तिवारी का कहना है कि शेयर आधारित पेंशन योजना त्रुटिपूर्ण है। सरकार का कहना है कि दस प्रतिशत कर्मचारी व दस प्रतिशत सरकार पेंशन के लिए अंशदान देगी। यह पैसा शेयर बाजार में जाएगा। सेवानिवृत्त होने पर शेयर के जो भाव होंगे, उसी आधार पर ही कर्मचारी को पेंशन राशि मिलेगी। तिवारी का कहना है कि अगर शेयर कंपनी भाग खड़ी हुई तो बुढ़ापे में कर्मचारियों को कौन सहारा देगा। कर्मचारियों की मांग है कि शेयर का यह पैसा हर माह कर्मचारियों के बैंक खाते में आए, जिससे कर्मचारियों को एकत्र हो रही रकम के बारे में सही जानकारी तो मिल सके।
पेंशन मुद्दे को लेकर 28 अप्रैल को केंद्रीय कर्मचारियों के दिल्ली में हुए प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने भी हिस्सेदारी निभाते हुए आगे भी मिलकर लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है। 1राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी कहते हैं कि शेयर आधारित पेंशन न तो केंद्रीय और न ही राज्य कर्मचारियों को मंजूर है। दोनों संगठन अलग-अलग विरोध दर्ज कराते रहे हैं। अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए केंद्रीय राज्य कर्मचारियों ने राज्य कर्मचारियों को साथ मिलाकर मोर्चा बनाया है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के कर्मचारी संगठन भी जल्द मोर्चा का हिस्सा बन जाएंगे। तिवारी का कहना है कि शेयर आधारित पेंशन योजना त्रुटिपूर्ण है। सरकार का कहना है कि दस प्रतिशत कर्मचारी व दस प्रतिशत सरकार पेंशन के लिए अंशदान देगी। यह पैसा शेयर बाजार में जाएगा। सेवानिवृत्त होने पर शेयर के जो भाव होंगे, उसी आधार पर ही कर्मचारी को पेंशन राशि मिलेगी। तिवारी का कहना है कि अगर शेयर कंपनी भाग खड़ी हुई तो बुढ़ापे में कर्मचारियों को कौन सहारा देगा। कर्मचारियों की मांग है कि शेयर का यह पैसा हर माह कर्मचारियों के बैंक खाते में आए, जिससे कर्मचारियों को एकत्र हो रही रकम के बारे में सही जानकारी तो मिल सके।
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