2 जून को एससीईआरटी का घेराव करेंगे अभ्यर्थी
कानपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी
शिक्षक भर्ती 2011 का डाटा ऑनलाइन न
किए जाने से नाराज अभ्यर्थी दो जून को
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान
(एससीईआरटी) का घेराव करेंगे। यह जानकारीमामले के याचिकाकर्ता और अभ्यर्थी कमलेश
पाठक, विवेक गुप्ता, अमित, कपिल, संजीव
मिश्रा और मयंक तिवारी ने दी है। उन्होंने
कहा कि जल्द ही अवमानना याचिका
दाखिल करके सुप्रीम कोर्ट से डाटा ऑनलाइन
कराए जाने की मांग की जाएगी। मामले की
अगली सुनवाई छह जुलाई को होनी है।
72825 शिक्षकों की भर्ती में तमाम तरह की
गड़बड़ी के आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में
याचिका दाखिल की गई है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि नेशनल
काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) की
नियमावली को दरकिनार करके शिक्षकों की
नियुक्ति की जा रही है। तमाम अभ्यर्थी ऐसे
हैं, जिन्हें ग्रेजुएशन में 45 फीसदी मार्क्स मिले
हैं। इसके बावजूद शिक्षक बन गए हैं। नियमानुसार
ग्रेजुएशन में 50 फीसदी मार्क्स होने चाहिए।
शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 2011 में
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराई गई
थी, लेकिन 2012 में बीएड करने वाले अभ्यर्थी
भी शिक्षक बन गए हैं। नियमानुसार वर्ष 2011
तक बीएड करने वाले ही शिक्षक बन सकते हैं।
इन्हीं मामलों की सुनवाई करते हुए ही सुप्रीम
कोर्ट ने पांच मई 2015 को आदेश पारित किया
और यूपी सरकार से कहा कि शिक्षकों की
नियुक्ति से संबंधित डाटा तीन सप्ताह के अंदर
बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध
कराया जाए, ताकि नियुक्ति की पूरी
प्रक्रिया की जानकारी मिल सके। सुप्रीम
कोर्ट की यह मियाद 26 मई को समाप्त हो गई
है, लेकिन नियुक्ति से संबंधित डाटा ऑनलाइन
नहीं हो सका है। इसे लेकर ही
याचिकाकर्ताओं ने एससीईआरटी के निदेशक
का घेराव करने का फैसला किया है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि नियुक्ति की
गड़बड़ी को छिपाने की कोशिश की जा रही
है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षकों
की नियुक्ति का डाटा ऑनलाइन नहीं
कानपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी
शिक्षक भर्ती 2011 का डाटा ऑनलाइन न
किए जाने से नाराज अभ्यर्थी दो जून को
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान
(एससीईआरटी) का घेराव करेंगे। यह जानकारीमामले के याचिकाकर्ता और अभ्यर्थी कमलेश
पाठक, विवेक गुप्ता, अमित, कपिल, संजीव
मिश्रा और मयंक तिवारी ने दी है। उन्होंने
कहा कि जल्द ही अवमानना याचिका
दाखिल करके सुप्रीम कोर्ट से डाटा ऑनलाइन
कराए जाने की मांग की जाएगी। मामले की
अगली सुनवाई छह जुलाई को होनी है।
72825 शिक्षकों की भर्ती में तमाम तरह की
गड़बड़ी के आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में
याचिका दाखिल की गई है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि नेशनल
काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) की
नियमावली को दरकिनार करके शिक्षकों की
नियुक्ति की जा रही है। तमाम अभ्यर्थी ऐसे
हैं, जिन्हें ग्रेजुएशन में 45 फीसदी मार्क्स मिले
हैं। इसके बावजूद शिक्षक बन गए हैं। नियमानुसार
ग्रेजुएशन में 50 फीसदी मार्क्स होने चाहिए।
शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 2011 में
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराई गई
थी, लेकिन 2012 में बीएड करने वाले अभ्यर्थी
भी शिक्षक बन गए हैं। नियमानुसार वर्ष 2011
तक बीएड करने वाले ही शिक्षक बन सकते हैं।
इन्हीं मामलों की सुनवाई करते हुए ही सुप्रीम
कोर्ट ने पांच मई 2015 को आदेश पारित किया
और यूपी सरकार से कहा कि शिक्षकों की
नियुक्ति से संबंधित डाटा तीन सप्ताह के अंदर
बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध
कराया जाए, ताकि नियुक्ति की पूरी
प्रक्रिया की जानकारी मिल सके। सुप्रीम
कोर्ट की यह मियाद 26 मई को समाप्त हो गई
है, लेकिन नियुक्ति से संबंधित डाटा ऑनलाइन
नहीं हो सका है। इसे लेकर ही
याचिकाकर्ताओं ने एससीईआरटी के निदेशक
का घेराव करने का फैसला किया है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि नियुक्ति की
गड़बड़ी को छिपाने की कोशिश की जा रही
है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षकों
की नियुक्ति का डाटा ऑनलाइन नहीं
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