लखनऊ, 3 सितंबर. उत्तर प्रदेश सरकार से मानदेय दिए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को लाखों वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक विधान सभा के सामने धरना देंगे। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के बैनर तले हो रहे इस धरने में शामिल होने प्रदेश के सभी 75 जिलों से लाखों शिक्षक लखनऊ के लिए कूच कर चुके हैं।
वित्तविहीन शिक्षक महासभा के कार्यवाहक अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य उमेश दिवेदी के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने 2012 के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों की सूची में वित्तविहीन शिक्षकों की इस मांग को दूसरे नंबर पर रखते हुए मामूली वेतन पर काम कर रहे शिक्षकों के प्रति अपना संकल्प जताया था। घोषणा पत्र में साफ कहा गया था कि इंटर तक बिना सरकारी अनुदान के पढ़ाने वाले शिक्षकों को जीवकोपार्जन हेतु मासिक मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खेद की बात है कि आज तक सरकार ने वित्तविहीन शिक्षकों के लिए कुछ भी नही किया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार वित्तविहीन शिक्षकों को शुक्रवार को मानदेय देने की घोषणा नही करती है तो धरने पर बैठ जाएंगे और मांग पूरी होने तक नही हटेंगे।
महासभा के प्रदेश महासचिव और मीडिया समन्वयक अजय सिंह एडवोकेट ने कहा कि इस साल बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का वित्तविहीन शिक्षकों ने बहिष्कार इसी वादे पर खत्म किया था कि छह माह के भीतर उन्हें मानदेय देने का फैसला कर लिया जाएगा। अफसोस की बात है कि छह माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपना वादा पूरा नही किया है। सिंह ने बताया कि सरकार की इस वादा खिलाफी के विरोध में लाखों की तादाद में वित्तविहीन शिक्षक अपने अपने शहरों-गांवों से लखनऊ के लिए चल पड़े हैं।
कल के कार्यक्रम के ऐतहासिक होने का दावा करते हुए अजय सिंह ने कहा कि अकेले लखनऊ जिले में 67000 वित्तविहीन शिक्षक हैं जो जोर-शोर से धरने में शामिल होंगे। लखनऊ और आस-पास के जिलों से ही एक लाख से ज्यादा लोग शुक्रवार को लखनऊ पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद से लेकर बलिया तक से वित्तविहीन शिक्षक पहुंचने लगे हैं।
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