ऊंज (भदोही) : प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भले ही शासन से लेकर जिला प्रशासन तक गंभीर हो ¨कतु शिक्षक पूरी तरह बेलगाम बने हुए हैं। अकसर विद्यालय से गायब रहने की शिक्षकों की प्रवृत्ति में सुधार नहीं आ रहा है। गुरुवार को डीघ ब्लाक में निकले जिला बेसिक शिक्षाधिकारी सत्यप्रकाश त्रिपाठी के निरीक्षण में आधा दर्जन से अधिक शिक्षक अनुपस्थित मिले तो वहीं शिक्षण से लेकर अन्य व्यवस्था विद्यालयों में ठीक नहीं पाई गई। उन्होंने अनुपस्थित शिक्षकों के वेतन रोकने की कार्रवाई की।
साथ ही व्यवस्था में सुधार न लाने पर अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की चेतावनी दी। निरीक्षण कार्रवाई के शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति बनी रही।
गुरुवार की सुबह ब्लाक संसाधन केंद्र वहिदानगर डीघ के परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय वहिदानगर पहुंचे बीएसए श्री त्रिपाठी को प्रधानाध्यापक राजेश कुमार तिवारी, सहायक अध्यापक सुधा मौर्या व शाहीन बेगम अनुपस्थित मिली। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय वहिदानगर में प्रधानाध्यापक विजयधर पांडेय अनुपस्थित रहे। पूर्व माध्यमिक में एक कक्षीय भवन की रंगाई पोताई भी नहीं कराई गई थी।
उन्होंने सभी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय रामकिसुनपुर बसहीं में प्रीति दुबे अनुपस्थित मिली तो प्रियंका दुबे का अवकाश प्रार्थनापत्र था ¨कतु उसे लागबुक पर चढ़ाया नहीं गया था। दोनों अनुपस्थित शिक्षकों के वेतन रोकने के साथ अवकाश लाग बुक पर न चढ़ाने पर प्रधानाध्यापक को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। इसी क्रम में श्री त्रिपाठी ने प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय दरवांसी, प्राथमिक विद्यालय ऊंज, प्राथमिक विद्यालय खरगापुर, सोनैचा आदि का भी निरीक्षण किया।
इन स्थानों पर सभी शिक्षक को उपस्थित रहे ¨कतु शैक्षिक से लेकर अन्य रंगाई-पोताई, शौचालय, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था ठीक नहीं मिली। उन्होंने व्यवस्था में सुधार लाने की हिदायत दी। कहा कि शीघ्र सुधार न लाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति बनी रही।
अवकाश प्रार्थना पत्र को बनाया जा रहा सुरक्षा कवच
प्राथमिक विद्यालयों में अकसर गायब रहने वाले शिक्षकों द्वारा आकस्मिक अवकाश प्रार्थना पत्र को सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। असल में हो यह रहा है कि अधिकांश शिक्षक विद्यालय में एक आकस्मिक अवकाश का प्रार्थना पत्र विद्यालय में रख गायब हो जाया करते हैं। जिले लाग बुक पर नहीं चढ़ाया जाता।
यदि कोई निरीक्षण में पहुंचा तो वहीं प्रार्थनापत्र दिखा उपस्थित अध्यापकों की ओर से दिखा दिया जाता है। कोई नहीं पहुंचा तो दूसरे दिन पहुंचने वाले शिक्षक रजिस्टर पर उपस्थित दर्ज कर देते हैं। बताते हैं कि शिक्षकों की मिलीभगत से इस तरह का खेल बखूबी चल रहा है।
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