सपा सरकार के कार्यकाल में, तो सुप्रीम कोर्ट के प्रत्यावेदन के आदेश से सरकार द्वारा प्रत्यावेदन के नाम पर उच्च स्तर पर धांधली हुई। जिसका नतीजा ये है कि आज इस भर्ती में पंद्रह से बीस हजार फर्जी केन्डीडेट
घुस चुके हैं। फर्जीवाड़ा को यहाँ पर निम्न तरीके से विभाजित कर सकते हैं-
१. टीईटी परीक्षा में जबरदस्त
व्हाइटनर का प्रयोग हुआ, और बाद
में अपने चहेतो की ओएमआर शीट
पर व्हाइटनर लगाया गया।
२. कई लोगों ने मध्यप्रदेश के
सीमावर्ती जिलों (भिंड, मुरैना) से
फर्जी मार्कशीट बनवाईँ, जिसका
खुलासा भी बाद में हुआ था और
फर्जी मार्कशीट का जखीरा भी भिंड
जिले के पिनाहट में एक प्रिटिंग प्रेस
पर मिला था। ऐसे फर्जी मार्कशीट
वाले लोग आगरा, कानपुर और झाँसी
मंडल से बहुतायत में थे।
३. प्रत्यावेदन के समय बहुत से ऐसे
फर्जी अभ्यर्थियों को अपना डाटा
फीड कराने का मौका मिल गया जो
फर्जी मार्कशीट बनवाकर आये थे
या २०१२ के बी० एड० करने वाले थे।
४. कुछ अभ्यर्थियों को मौका मिला
जो टीईटी में तो अच्छे अंक प्राप्त
किये थे पर ग्रेजुयेशन में एनसीटीई के
मानक के अनुसार कम अंक प्राप्त
किये हैं। ये भी भर्ती में अपात्र हैं।
५. कई जिलों में बीएसए व प्राचार्यों
द्वारा कम अंक वाले चहेतों और
अपने खासमखास को गुपचुप तरीके
से ज्वाइनिंग करा दी गई।
तो दोस्तों, अभी ७२,८२५ का अंत
नहीं हुआ है, इस बात से भी इनकार
नहीं किया जा सकता है कि ये भर्ती
सुप्रीम कोर्ट की छत्रछाया में ही
सीबीआई की गोद में चली जाये।
आज चयनित अभ्यर्थी इस बात से
जरूर सहमत नहीं होंगे क्योंकि उनको
अभी तो ये डर सता रहा है कि
फर्जीवाड़े के चलते ये भर्ती रद्द न
हो जाये। लेकिन पिक्चर अभी बाकी
है, मेरे दोस्तों!!! क्योंकि न तो
रमाबाई नगर कोतवाली कहीं विदेश में
है और न ही सीबीआई।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
घुस चुके हैं। फर्जीवाड़ा को यहाँ पर निम्न तरीके से विभाजित कर सकते हैं-
१. टीईटी परीक्षा में जबरदस्त
व्हाइटनर का प्रयोग हुआ, और बाद
में अपने चहेतो की ओएमआर शीट
पर व्हाइटनर लगाया गया।
२. कई लोगों ने मध्यप्रदेश के
सीमावर्ती जिलों (भिंड, मुरैना) से
फर्जी मार्कशीट बनवाईँ, जिसका
खुलासा भी बाद में हुआ था और
फर्जी मार्कशीट का जखीरा भी भिंड
जिले के पिनाहट में एक प्रिटिंग प्रेस
पर मिला था। ऐसे फर्जी मार्कशीट
वाले लोग आगरा, कानपुर और झाँसी
मंडल से बहुतायत में थे।
३. प्रत्यावेदन के समय बहुत से ऐसे
फर्जी अभ्यर्थियों को अपना डाटा
फीड कराने का मौका मिल गया जो
फर्जी मार्कशीट बनवाकर आये थे
या २०१२ के बी० एड० करने वाले थे।
४. कुछ अभ्यर्थियों को मौका मिला
जो टीईटी में तो अच्छे अंक प्राप्त
किये थे पर ग्रेजुयेशन में एनसीटीई के
मानक के अनुसार कम अंक प्राप्त
किये हैं। ये भी भर्ती में अपात्र हैं।
५. कई जिलों में बीएसए व प्राचार्यों
द्वारा कम अंक वाले चहेतों और
अपने खासमखास को गुपचुप तरीके
से ज्वाइनिंग करा दी गई।
तो दोस्तों, अभी ७२,८२५ का अंत
नहीं हुआ है, इस बात से भी इनकार
नहीं किया जा सकता है कि ये भर्ती
सुप्रीम कोर्ट की छत्रछाया में ही
सीबीआई की गोद में चली जाये।
आज चयनित अभ्यर्थी इस बात से
जरूर सहमत नहीं होंगे क्योंकि उनको
अभी तो ये डर सता रहा है कि
फर्जीवाड़े के चलते ये भर्ती रद्द न
हो जाये। लेकिन पिक्चर अभी बाकी
है, मेरे दोस्तों!!! क्योंकि न तो
रमाबाई नगर कोतवाली कहीं विदेश में
है और न ही सीबीआई।
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