कानूनी पेच में फंसी है नियुक्ति
प्रदेश के 1.40 लाख शिक्षामित्रों में से 58 हजार पिछले साल जनवरी में ही शिक्षक बन गए थे। उसके बाद करीब 79 हजार दूसरे चरण में इस साल जनवरी में शिक्षक बन गए। लेकिन सितंबर में हाई कोर्ट ने इनकी नियुक्ति को ही अवैध ठहरा दिया।
तब से वे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश एवं केंद्र के मंत्रियों-अफसरों के यहां दौड़ रहे हैं। सभी ने समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दायर कर दी गई है। वर्तमान में उनकी समस्या यह है कि उन्हें वेतन नहीं मिल रहा। रहा-सहा शिक्षामित्र के तौर पर जो 3500 रुपये मानदेय उन्हें मिलता था, वह भी बंद हो गया। इस तरह उन पर दोहरी मार पड़ी है। वह बिना वेतन और मानदेय के स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रदेश के 1.40 लाख शिक्षामित्रों में से 58 हजार पिछले साल जनवरी में ही शिक्षक बन गए थे। उसके बाद करीब 79 हजार दूसरे चरण में इस साल जनवरी में शिक्षक बन गए। लेकिन सितंबर में हाई कोर्ट ने इनकी नियुक्ति को ही अवैध ठहरा दिया।
तब से वे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश एवं केंद्र के मंत्रियों-अफसरों के यहां दौड़ रहे हैं। सभी ने समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दायर कर दी गई है। वर्तमान में उनकी समस्या यह है कि उन्हें वेतन नहीं मिल रहा। रहा-सहा शिक्षामित्र के तौर पर जो 3500 रुपये मानदेय उन्हें मिलता था, वह भी बंद हो गया। इस तरह उन पर दोहरी मार पड़ी है। वह बिना वेतन और मानदेय के स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।
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