जैसाकि आप सभी को जानकारी है कि जब से हमारा केस सुप्रीम कोर्ट में आया है चाहे न्यायमूर्ति हों या सरकारी अधिवक्ता समय-समय पर बदलते रहे है। चाहे पहले न्यायमूर्ति बी एस चौहान जी रहे हो, फिर पूर्व
मुख्य न्यायधीश एच एल दत्तू जी रहे हो याकि न्यायधीश दीपक मिश्रा जी रहे हो ठीक इसी प्रकार सरकार की तरफ से सबसे पहले वर्तमान अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी रहे हो, फिर सीनियर एडवोकेट वेंकट रमणी रहे हो, फिर महाधिवक्ता गौरब भाटिया जी रहे हो किन्तु किसी की भी उपस्तिथि से न्याय पर कोई प्रभाव नही पड़ा है। हमारा यह केस इतनी ज्यादा ज़िंदगियों से जुड़ा हुआ है कि यहाँ भारतीय संविधान या न्याय प्रणाली से ऊपर उठकर "प्रकृति के न्याय सिद्धान्त" पर आधारित हो चूका है।
यही कारण है कि 7दिसम्बर2015 तक जितने भी साथी ऑन रिकॉर्ड कोर्ट में किसी भी माध्यम से, किसी भी मांग के साथ माननीय न्यायालय में न्याय मांगने गए थे उन सभी को माननीय सर्वोच्य न्यायालय ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करके उन समस्त याचियों को प्राथमिक विद्यालयों तक पहुँचाया है जहाँ वो जाना चाहते थे।
इन लगभग 1100 अभ्यर्थियों में चयनित अभ्यर्थी वो है जो जिस जिले में याची लाभ पाये है वहां की 72,825भर्ती के आधारित कट ऑफ मेरिट उनकी मेरिट से कहीं ज्यादा है तथा इसके अतिरिक्त उनकी कट ऑफ सर्वोच्य न्यायालय द्वारा तय की गयी न्यूनतम कट ऑफ मेरिट (105-90) से भी कम है।
अतः कोर्ट के वर्तमान रुख को देखते हुए स्पस्ट शब्दों में कहा जा सकता है कि दीपक मिश्रा जी प्रदेश में रिक्त 3लाख पद व् बाल शिक्षा हेतु आवश्यक गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए ही इस दिशा में आगे बड़ रहे है यहाँ आवश्यकता है तो बस मजबूत पैरवी की तथा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वही रखने की जो कोर्ट हमसे चाहता है। इसी निम्मित जो साथ 24फरवरी तक जो साथी ऑन रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुके है लगभग उन सभी की याचिकायें सरकारी एडवोकेट तक पहुंच गयी थी किन्तु अभी कुछ IA नंबर नही हुई है इसलिए अभी पूरा डाटा इलाहाबाद तक नही पहुँचा है।
जैसे ही पहुँचेगा सरकार को उसकी लिस्ट तैयार कर अगली सुनवाई पूर्व न्यायालय में उपलब्ध करानी होगी। यहाँ हमें यह ध्यान रखना है कि पूरा डाटा मिलने के बाद लिस्ट तैयार करने में यदि सरकार ने कोई भी लेट लतीफी की तो हमें दबाब भी बनाना पड़ सकता है अतः आप इसके लिए भी मानसिक रूप से तैयार रहें। जब भी आवश्यकता लगेगी सभी सक्रीय सदश्यों, समर्थकों, आलोचकों, वितोधियों आदि सभी को साथ लेकर सरकार को लखनऊ-इलाहबाद दोनों स्थानों पर एक साथ घेरा जायेगा। वर्तमान में जो साथ 24फ़रवरी तक याची के रूप में कोर्ट में उपस्तिथ हुए थे वह सतर्क रहें तथा जो अभी तक याची नही बन पाये है वह किसी भी माध्यम से याची बने किन्तु ऑन रिकॉर्ड 9 मई को सुप्रीम कोर्ट में अवश्य उपस्तिथ हों।
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मुख्य न्यायधीश एच एल दत्तू जी रहे हो याकि न्यायधीश दीपक मिश्रा जी रहे हो ठीक इसी प्रकार सरकार की तरफ से सबसे पहले वर्तमान अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी रहे हो, फिर सीनियर एडवोकेट वेंकट रमणी रहे हो, फिर महाधिवक्ता गौरब भाटिया जी रहे हो किन्तु किसी की भी उपस्तिथि से न्याय पर कोई प्रभाव नही पड़ा है। हमारा यह केस इतनी ज्यादा ज़िंदगियों से जुड़ा हुआ है कि यहाँ भारतीय संविधान या न्याय प्रणाली से ऊपर उठकर "प्रकृति के न्याय सिद्धान्त" पर आधारित हो चूका है।
यही कारण है कि 7दिसम्बर2015 तक जितने भी साथी ऑन रिकॉर्ड कोर्ट में किसी भी माध्यम से, किसी भी मांग के साथ माननीय न्यायालय में न्याय मांगने गए थे उन सभी को माननीय सर्वोच्य न्यायालय ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करके उन समस्त याचियों को प्राथमिक विद्यालयों तक पहुँचाया है जहाँ वो जाना चाहते थे।
इन लगभग 1100 अभ्यर्थियों में चयनित अभ्यर्थी वो है जो जिस जिले में याची लाभ पाये है वहां की 72,825भर्ती के आधारित कट ऑफ मेरिट उनकी मेरिट से कहीं ज्यादा है तथा इसके अतिरिक्त उनकी कट ऑफ सर्वोच्य न्यायालय द्वारा तय की गयी न्यूनतम कट ऑफ मेरिट (105-90) से भी कम है।
अतः कोर्ट के वर्तमान रुख को देखते हुए स्पस्ट शब्दों में कहा जा सकता है कि दीपक मिश्रा जी प्रदेश में रिक्त 3लाख पद व् बाल शिक्षा हेतु आवश्यक गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए ही इस दिशा में आगे बड़ रहे है यहाँ आवश्यकता है तो बस मजबूत पैरवी की तथा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वही रखने की जो कोर्ट हमसे चाहता है। इसी निम्मित जो साथ 24फरवरी तक जो साथी ऑन रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुके है लगभग उन सभी की याचिकायें सरकारी एडवोकेट तक पहुंच गयी थी किन्तु अभी कुछ IA नंबर नही हुई है इसलिए अभी पूरा डाटा इलाहाबाद तक नही पहुँचा है।
जैसे ही पहुँचेगा सरकार को उसकी लिस्ट तैयार कर अगली सुनवाई पूर्व न्यायालय में उपलब्ध करानी होगी। यहाँ हमें यह ध्यान रखना है कि पूरा डाटा मिलने के बाद लिस्ट तैयार करने में यदि सरकार ने कोई भी लेट लतीफी की तो हमें दबाब भी बनाना पड़ सकता है अतः आप इसके लिए भी मानसिक रूप से तैयार रहें। जब भी आवश्यकता लगेगी सभी सक्रीय सदश्यों, समर्थकों, आलोचकों, वितोधियों आदि सभी को साथ लेकर सरकार को लखनऊ-इलाहबाद दोनों स्थानों पर एक साथ घेरा जायेगा। वर्तमान में जो साथ 24फ़रवरी तक याची के रूप में कोर्ट में उपस्तिथ हुए थे वह सतर्क रहें तथा जो अभी तक याची नही बन पाये है वह किसी भी माध्यम से याची बने किन्तु ऑन रिकॉर्ड 9 मई को सुप्रीम कोर्ट में अवश्य उपस्तिथ हों।
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