महराजगंज: लेखा विभाग द्वारा सहायक अध्यापकों के बकाया वेतन भुगतान में
की गयी अनियमितता एवं शेष अध्यापकों के बकाया वेतन भुगतान मुद्दे को लेकर
शिक्षकों का आक्रोश आज फूट पड़ा। बड़ी संख्या में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
कार्यालय पर पहुंचकर नारेबाजी की।
इसके बाद जुलूस की शक्ल में जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पहुंचे। लेखाधिकारी कार्यालय की कार्यशैली को लेकर जमकर भड़ास निकाली और एसडीएम या जिलाधिकारी के बुलाने की मांग को लेकर डटे रहे। लेकिन एलआइयू इंस्पेक्टर ओपी ¨सह व पुलिस कर्मियों के समझाने के बाद शिक्षक मान गए। तब तहसीलदार नंद लाल ¨सह व जेयष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद शिक्षकों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंप अपने हक की आवाज उठाई। तहसीलदार ने इस मामले में जिलाधिकारी को अवगत कराकर जांच कराने का शिक्षकों को भरोसा दिलाया।
सहायक अध्यापकों का नेतृत्व कर रहे शिक्षक नेता अशोक ¨सह व प्रवीण ¨सह ने कहा कि वे सभी 72825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 में चयनित होकर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त हुए हैं। जिनके दो या दो से अधिक सत्यापन आ गए थे, उनके वेतन भुगतान की कार्यवाही बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्गत् कर दिया गया। साथ ही साथ 31 मार्च 2016 को 155 सहायक अध्यापकों के माह-फरवरी 2016 का वेतन भुगतान की कार्यवाही की गयी, ¨कतु कुल 717 अध्यापकों में से केवल लगभग 250 सहायक अध्यापकों का बकाया वेतन एरियर आनन फानन में 31 मार्च 2016 को कर दिया गया, जिसमें गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं प्रशासनिक लापरवाही बरती गई। नेताद्वय ने कहा कि जिन्होंने सुविधा शुल्क दिया, उसका एरियर भुगतान किया गया, लेकिन जिन्होंने नहीं दिया, उसे सूची से बाहर कर दिया गया। उक्त प्रकरण की जांच तीन सदस्यीय कमेटी, जिसमें एक वित्त विभाग का भी हो, से कराते हुए विधिक कार्यवाही की जाय, साथ ही बकाया वेतन से वंचित शिक्षकों का भी भुगतान कराया जाय।
इस दौरान प्रमोद पांडेय, जयंत्री प्रसाद, मनोज वर्मा, कृष्णा मद्देशिया, मोनिका गुप्ता, नीलम भारती, तुलिका श्रीवास्तव, मोनिका श्रीवास्तव, शबनम खातून, सरिता त्रिपाठी, शिखा, अनामिका पाठक, आकांक्षा आदि कई शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
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इन ¨बदुओं पर हो जांच
- एरियर भुगतान हेतु स. अध्यापकों से धनउगाही का आरोप
- कार्यानुभव, प्रमाण पत्र, संबंधित खंड शिक्षाधिकारी के संस्तुति के बिना भुगतान की गणना असंभव।
- एरियर भुगतान में क्रास इंट्री, बिल की देयता व आयकर आगणन की प्रक्रिया का पालन नहीं।
- कई शिक्षकों के बकाया भुगतान में वित्तीय अनियमितता की गई।
- एरियर भुगतान में द्वितीय बैच के सहायक अध्यापकों की नियुक्ति तिथि सत्यापित नहीं करायी गई। इसे लेकर विवाद है।
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इसके बाद जुलूस की शक्ल में जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पहुंचे। लेखाधिकारी कार्यालय की कार्यशैली को लेकर जमकर भड़ास निकाली और एसडीएम या जिलाधिकारी के बुलाने की मांग को लेकर डटे रहे। लेकिन एलआइयू इंस्पेक्टर ओपी ¨सह व पुलिस कर्मियों के समझाने के बाद शिक्षक मान गए। तब तहसीलदार नंद लाल ¨सह व जेयष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद शिक्षकों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंप अपने हक की आवाज उठाई। तहसीलदार ने इस मामले में जिलाधिकारी को अवगत कराकर जांच कराने का शिक्षकों को भरोसा दिलाया।
सहायक अध्यापकों का नेतृत्व कर रहे शिक्षक नेता अशोक ¨सह व प्रवीण ¨सह ने कहा कि वे सभी 72825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 में चयनित होकर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त हुए हैं। जिनके दो या दो से अधिक सत्यापन आ गए थे, उनके वेतन भुगतान की कार्यवाही बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्गत् कर दिया गया। साथ ही साथ 31 मार्च 2016 को 155 सहायक अध्यापकों के माह-फरवरी 2016 का वेतन भुगतान की कार्यवाही की गयी, ¨कतु कुल 717 अध्यापकों में से केवल लगभग 250 सहायक अध्यापकों का बकाया वेतन एरियर आनन फानन में 31 मार्च 2016 को कर दिया गया, जिसमें गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं प्रशासनिक लापरवाही बरती गई। नेताद्वय ने कहा कि जिन्होंने सुविधा शुल्क दिया, उसका एरियर भुगतान किया गया, लेकिन जिन्होंने नहीं दिया, उसे सूची से बाहर कर दिया गया। उक्त प्रकरण की जांच तीन सदस्यीय कमेटी, जिसमें एक वित्त विभाग का भी हो, से कराते हुए विधिक कार्यवाही की जाय, साथ ही बकाया वेतन से वंचित शिक्षकों का भी भुगतान कराया जाय।
इस दौरान प्रमोद पांडेय, जयंत्री प्रसाद, मनोज वर्मा, कृष्णा मद्देशिया, मोनिका गुप्ता, नीलम भारती, तुलिका श्रीवास्तव, मोनिका श्रीवास्तव, शबनम खातून, सरिता त्रिपाठी, शिखा, अनामिका पाठक, आकांक्षा आदि कई शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
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इन ¨बदुओं पर हो जांच
- एरियर भुगतान हेतु स. अध्यापकों से धनउगाही का आरोप
- कार्यानुभव, प्रमाण पत्र, संबंधित खंड शिक्षाधिकारी के संस्तुति के बिना भुगतान की गणना असंभव।
- एरियर भुगतान में क्रास इंट्री, बिल की देयता व आयकर आगणन की प्रक्रिया का पालन नहीं।
- कई शिक्षकों के बकाया भुगतान में वित्तीय अनियमितता की गई।
- एरियर भुगतान में द्वितीय बैच के सहायक अध्यापकों की नियुक्ति तिथि सत्यापित नहीं करायी गई। इसे लेकर विवाद है।
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