महोबा, जागरण संवाददाता : शहर के अंबेडकर पार्क में टीईटी संघर्ष मोर्चा
ने बैठक कर अपनी मांगों की आवाज बुलंद की और इसके बाद राष्ट्रपति को
ज्ञापन भेजा गया। जिसमें मांग की गई कि या तो बेरोजगारों को नियुक्ति दी
जाए या फिर उन्हें इच्छा मृत्यु का अधिकार प्रदान किया जाए।
भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि उप्र में बालकों को नि:शुल्क व अनिवार्य गुणवत्तापरक शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू किया जाए। शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली की धारा के अनुसार वह सभी अभ्यर्थी जिन्होंने 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक व बीएड की परीक्षा उत्तीर्ण की हो वह अभ्यर्थी जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक के विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पाने के पात्र होंगे। उप्र में बालकों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य गुणवत्तापरक शिक्षा टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों से शिक्षा दिलाने हेतु लागू अधिनियम के नियम निर्देशों का उल्लंघन कर अस्थायी तौर पर समाज सेवक की हैसियत से मानदेय पर स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों को वोटो की लालच में सहायक अध्यापक बना रहे है जबकि शिक्षामित्र न ही बीएड उत्तीर्ण है और न ही टीईटी पास की है। संघर्ष मोर्चा ने सभी 8 सूत्रीय मांगों के निराकरण की मांग की। इस मौके पर अध्यक्ष देवसिंह राजपूत, महावीर शर्मा, संजय पाठक, कृष्ण कुमार अग्रवाल, रामजीवन सिंह सहित बड़ी संख्या में टीईटी संघर्ष मोर्चा के लोग मौजूद रहे।
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