राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद शिक्षक
पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2015 उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को
ई-सर्टिफिकेट दिया जाएगा। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
एनआइसी की वेबसाइट से अभ्यर्थी इसका प्रिंट ले सकेंगे।
इसके लिए अभ्यर्थियों को पंजीकरण नंबर, अनुक्रमांक, जन्मतिथि, परीक्षा वर्ष भरना होगा, तभी प्रमाणपत्र हासिल कर सकेंगे। प्रदेश की शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने वाले महकमे परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने इस बार टीईटी का प्रमाणपत्र निर्गत करने के नियमों में संशोधन किया है। पहले 90 फीसद अंक पाने वाले सामान्य वर्ग एवं 55 फीसद से अधिक अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग एवं 82 और इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को पात्रता प्रमाणपत्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के जरिए दिया जाता था। हाईटेक होती व्यवस्था में परीक्षा नियामक ने इस सर्टिफिकेट को पारदर्शी बनाया है।
इस बार से अभ्यर्थियों को ई-प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। अभ्यर्थियों के अंक का विवरण एनआइसी लखनऊ की वेबसाइट पर जारी होगा। बदले नियमों के तहत ऑनलाइन आवेदन में अभ्यर्थी का नाम, माता-पिता का नाम या फिर वर्तनी में त्रुटि है तो ई-प्रमाणपत्र प्राप्त होने के एक माह के अंदर अपने आवेदन पत्र की हार्डकॉपी, संबंधित अभिलेख तथा सचिव के नाम 300 रुपये के डिमांड देना होगा। जांच के बाद दावा सत्य होने पर संशोधित ई-प्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
15 मई के बाद मिलेगा प्रमाणपत्र
एनआइसी की वेबसाइट पर ई-प्रमाणपत्र का प्रकाशन परीक्षाफल घोषित होने के चार सप्ताह में किए जाने का दावा किया है। हालांकि इस बार यह समयावधि बुधवार को ही पूरी हो गई है। अभी एनआइसी की ओर से बनाई जाने वाली वेबसाइट की पड़ताल होगी और सारा रिकॉर्ड अपलोड किया जाएगा। ऐसे में कम से कम एक पखवारे का वक्त लगेगा। रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि अभ्यर्थी 15 मई के बाद ई-प्रमाणपत्र हासिल कर सकेंगे।
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इसके लिए अभ्यर्थियों को पंजीकरण नंबर, अनुक्रमांक, जन्मतिथि, परीक्षा वर्ष भरना होगा, तभी प्रमाणपत्र हासिल कर सकेंगे। प्रदेश की शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने वाले महकमे परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने इस बार टीईटी का प्रमाणपत्र निर्गत करने के नियमों में संशोधन किया है। पहले 90 फीसद अंक पाने वाले सामान्य वर्ग एवं 55 फीसद से अधिक अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग एवं 82 और इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को पात्रता प्रमाणपत्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के जरिए दिया जाता था। हाईटेक होती व्यवस्था में परीक्षा नियामक ने इस सर्टिफिकेट को पारदर्शी बनाया है।
इस बार से अभ्यर्थियों को ई-प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। अभ्यर्थियों के अंक का विवरण एनआइसी लखनऊ की वेबसाइट पर जारी होगा। बदले नियमों के तहत ऑनलाइन आवेदन में अभ्यर्थी का नाम, माता-पिता का नाम या फिर वर्तनी में त्रुटि है तो ई-प्रमाणपत्र प्राप्त होने के एक माह के अंदर अपने आवेदन पत्र की हार्डकॉपी, संबंधित अभिलेख तथा सचिव के नाम 300 रुपये के डिमांड देना होगा। जांच के बाद दावा सत्य होने पर संशोधित ई-प्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
15 मई के बाद मिलेगा प्रमाणपत्र
एनआइसी की वेबसाइट पर ई-प्रमाणपत्र का प्रकाशन परीक्षाफल घोषित होने के चार सप्ताह में किए जाने का दावा किया है। हालांकि इस बार यह समयावधि बुधवार को ही पूरी हो गई है। अभी एनआइसी की ओर से बनाई जाने वाली वेबसाइट की पड़ताल होगी और सारा रिकॉर्ड अपलोड किया जाएगा। ऐसे में कम से कम एक पखवारे का वक्त लगेगा। रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि अभ्यर्थी 15 मई के बाद ई-प्रमाणपत्र हासिल कर सकेंगे।
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