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72825 भर्ती यदि टेट मेरिट से हो सकी है तो उसकी सबसे बड़ी वजह टेट संघर्ष मोर्चे की गुटबंदी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

72825 भर्ती यदि टेट मेरिट से हो सकी है तो उसकी सबसे बड़ी वजह टेट संघर्ष मोर्चे की गुटबंदी थी ,,,, यदि मोर्चे में एक ही गुट का वर्चस्व होता तो टेट मेरिट कब और कैसे बेच दी जाती ये आप कभी जान तक नहीं पाते ,,,,, लड़ाई जब सरकार के साथ हो तो हमेशा याद रखना चाहिए कि सरकार के रणनीतिकारों को बहुत अच्छी तरह पता होता है कि किसको कैसे खरीदना है और कैसे तोड़ना ,,,,,
सर्वशक्तिमान सरकार से निपटने का सबसे बेहतर तरीका है कि सरकार को कभी पता ही ना चलने दिया जाए कि निर्णय लेने का अंतिम अधिकार किसके पास है ,,,,,
याचियों को जॉब दिलाने हेतु चल रहे संघर्ष में भी उपरोक्त रणनीति का ही इस्तेमाल उचित है क्योंकि मुझे बहुत अच्छी तरह पता है कि याचियों के हितों के लिए लड़ने का दिखावा करने वालों में से कुछ प्रभावशाली लोगों का उद्देश्य भर्ती का 72825 से विस्तार ना होकर अपने राजनीतिक आकाओं की महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति हेतु केस को इस तरह उलझाना है जिससे याची उनके लिए उसी तरह वोट बैंक बन जाएँ जैसे शिक्षामित्र सपा के वोट बैंक बन चुके हैं ,,,,,, याचियों के हितों को नेताओं की गुटबंदी से नहीं बल्कि उनकी एकता से खतरा है क्योंकि यदि सारे गुट एक हो गए तो आप जान ही नहीं पाओगे कि कोर्ट में असल में हुआ क्या है ,,,, 
मेरा स्पष्ट मत है कि कपिलदेव यादव, अजय ठाकुर , हिमांशू राणा , मयंक तिवारी, विवेकानंद आर्य और राहुल पांडे गुट को किसी महागठबंधन में शामिल होने की जगह स्वतन्त्र रहकर कार्य करना चाहिए जिससे यदि कोई गुट याचियों के साथ गद्दारी की कोशिश करे भी तो अन्य गुट उसकी क्षतिपूर्ति कर सकें .....
मैं जानता हूँ कि इस पोस्ट के लिए मेरी बहुत तगड़ी आलोचना होगी लेकिन फिर भी मैं इसे लिख रहा हूँ क्योंकि मेरे लिए 2011 टेट पास बीएड बेरोजगारों के हितों से बढ़कर कुछ नहीं है ....... सभी गुटों की एकता के पक्ष में लिखकर मुझे वाहवाही और लाइक तो मिल जायेंगे लेकिन मुझे लाइक नहीं बल्कि अपने साथियों को जॉब पाते देखना है.....

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