Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

7वें वेतन आयोग में निगमों, पंचायतों व शिक्षकों की चिंता, समीक्षा समिति ने इन विभागों से मांगा कर्मियों व वेतन का ब्यौरा

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए गठित समीक्षा समिति निगमों, पंचायतों व शिक्षकों की अलग से चिंता कर रही है। यही कारण है कि इन विभागों से कर्मचारियों व उन्हें मिलने वाले वेतन-भत्ताें का ब्यौरा अलग से मांगा है।

सातवें वेतन आयोग की समीक्षा के लिए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी गोपबंधु पटनायक की अध्यक्षता में गठित समीक्षा समिति की बुधवार को हुई पहली बैठक में तीन माह के भीतर शासन को प्राथमिक प्रतिवेदन सौंपने का फैसला हुआ था। इसके लिए सभी विभागों के प्रमुख सचिवों से कर्मचारियों का ब्यौरा भी तत्काल मांगा गया था। समिति ने अन्य राज्य कर्मियों के साथ निगमों व पंचायतों में तैनात कर्मचारियों और शिक्षकों व शिक्षणोतर कर्मियों की समस्याओं को समझने व उनका समाधान करने को भी अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल किया है। यही कारण है कि समीक्षा समिति के सदस्य सचिव अजय अग्रवाल ने इन विभागों को पत्र लिखकर उनसे अलग-अलग प्रोफार्मा में नियुक्तियों व वेतन से जुड़े विवरण मांगे गए हैं। माध्यमिक, बेसिक, उच्च, प्राविधिक, व्यवसायिक व कृषि शिक्षा विभागों से एक जनवरी 2016 तक स्वीकृत व भरे पदों की संख्या, वेतन बैंड व ग्रेड वेतन के साथ पद पर भर्ती का स्नोत व निर्धारित अर्हता का विवरण मांगा गया है। इसी तरह नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों, पंचायतों व जल संस्थान के कर्मचारियों के मामले में राज्य सरकार के समकक्ष पदों का पदनाम व उनका वेतन बैंड व ग्रेड वेतन भी भेजने को कहा गया है। इसके माध्यम से लंबे समय से निगम व पंचायत कर्मियों की राज्य सरकार के समान पदनाम व वेतन देने की मांग पूरी कर वेतन विसंगति दूर करने की कोशिश होगी। सार्वजनिक उपक्रमों व निगमों के कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने के लिए भी राज्य सरकार के अन्य विभागों के समान पदनामों के साथ तुलनात्मक विश्लेषण भेजने को कहा गया है। विकास प्राधिकरणों सहित स्वशासी संस्थाओं के मामले में अन्य जानकारियों के साथ भत्ताें व अन्य सुविधाओं का विवरण भी मांगा गया है।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates