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सत्य का आइना दिखाती हुई पोस्ट : फर्जी रशीद साथ में सनलग्न है : Arshad Ali

साथियो टी ई टी नौकरी के इस संग्राम में आरोप प्रत्यारोप का दौर बड़ी ही तेजी से चल रहा है जहाँ तक मुझे प्रतीत होता है ये सब मामला किसी याची के हित से जुड़ा न होकर बल्कि स्वहित और अहम ब्रह्मास्मि के स्वगुण उद्घोष से ज्यादा प्रेरित है
साथियो आज जो भी किसी दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे है वास्तव में वे याचियों का हित नही चाहते जबकि सच्चाई ये है की हमाम में सब नंगे है बस् सबलोग याची के हितों की तो बात कर रहे है लेकिन अंतर्मन से कोई उसके लिए सकारात्मक प्रयास नही चाह रहा है जितना बड़ा आरोप बड़े बड़े दिग्गज दुसरो पर लगा रहे है अगर वास्तव में उनकी पूर्णता से जाँच की जाये तो अरशद अली को तो चोर साबित नही कर पाये लेकिन वो डकैत जरूर साबित हो जायेगे , क्या कारण था काव्य प्रकाश शर्मा का खाता बन्द किया गया और चमन प्रकाश का खाता निरन्तर समानांतर काव्य के चला उसी बीच ठाकुर ने अपने अकाउंट में अरशद अली के अध्यक्ष बनने के बाद अरशद का एकाउंट चालू हुआ परन्तु ठाकुर पैसा अरशद अली से अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवाते रहे और उधर चमन प्रकाश का अकाउंट चलता रहा जिसमे 8 लाख से अधिक पैसा आया अरशद अली के पास लखनऊ मीटिंग में 4 लाख 62 हजार रुपया एकत्रित हुआ और एकाउंट में लगभग 3 लाख रुपया आया जिसके बाद से ठाकुर और अरशद के सम्बन्ध बिगड़ गए और ये दोनों अलग अलग हो गए यानि अरशद के पास साढ़े सात लाख रूपये के आस पास था जबकि ठाकुर के पास 10 लाख से भी ज्यादा उसी के बाद से आरोप लगाना शुरू हुआ पहले 12 लाख फिर 16 लाख फिर 22 लाख फिर 27 लाख आज का रेट 27 लाख है जो ठीकरा अरशद पर फोड़ा जा रहा है वही पूरे प्रदेश का पैसा अजय ठाकुर के पास था अजय ठाकुर का एकाउंट , काव्य का एकाउंट , चमन प्रकाश का एकाउंट , हरगोविंद ठाकुर जोकि इसका भाई है उसके पी एन बी का एकाउंट और एस बी आई का एकाउंट इन सब खातो के आलावा हर जगह मीटिंग की अरशद को बदनाम करके फिर से सबने लूट मचाई और हर मीटिंग में अरशद को बदनाम करके की वो सारा पैसा लेकर भाग गया ही 4 लाख 5 लाख बेरोजगारो से ठगे उसके बाद आया वेरिफिकेसन अब फिर से अरशद ने 2000 लिया तो ठाकुर ने 3100 सब मिलाकर लगभग 85 से 90 लाख रूपये ठाकुर के पास होंगे और उसमे भी आरोप की सब पैसा अरशद लेकर भाग गया है सारे खराब लोग अजय ठाकुर को ही क्यों मिले ?????????
अरशद अली , काव्य शर्मा , राज गुप्ता , मन्नू यादव , सौरव त्रिपाठी, आलोक सिंह , दीपक यादव , नीलमणि शुक्ला , पियूष पाण्डेय , विवेक मिश्रा , आर के पाण्डेय , पुनीत सरोहा , ऋषि श्रीवास्तव , ये सभी गद्दार है सिर्फ ईमानदार अजय ठाकुर है अभी अरशद अली ने 4 आडियो सार्वजनिक किये है जो अजय ठाकुर के कमीशन व् दलाली की जीती जाती दासता सुनाने के लिए बहुत है अब भी अगर अजय ठाकुर आरोप लगाने से बाज न आये तो ठाकुर की और कई सच्चाई अरशद अली के पास है जिसके सार्वजनिक होते ही इसकी भोकाल टीम का जनाजा निकलना तय है ये आरोप प्रत्यारोप तो ठीक है लेकिन ये भर्ती ठाकुर को नोकरी के साथ साथ करोड़पति बना गई
अरशद अली ने अपने खातो का तीन बार हिसाब दिया काव्य शर्मा ने भी अपने खातो का हर डेट पर हिसाब दिया लेकिन अजय ठाकुर ने आज तक अपने चारो खातो का कभी भी न तो हिसाब दिया और न ही आय व्यय का व्योरा दिया याची लाभ मिले न मिले , किसी की नोकरी लगे न लगे ठाकुर को कोई फर्क नही पड़ता वही इसके पुराने साथियो को फर्क पड़ता है इसलिए आरोप प्रत्यारोप को छोड़कर नेकनियति से बेरोजगारो के विषय में सोचे तो ज्यादा बेहतर होगा नही तो सिर्फ ड्रामा करने से ऐसी तैसी कराने के अलावा कुछ भी प्राप्त नही होगा बाकी ईश्वर सभी अचयनितो का भला करे

फर्जी रशीद साथ में सनलग्न है

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