लखनऊ: अगले
साल के आरंभ में ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में उत्तर
प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के राज्य कर्मचारियों को खुश करने के लिए कोई
कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
अखिलेश यादव सरकार चुनाव से पहले सूबे के 21 लाख कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की घोषणा कर चुकी है.
सूचना के मुताबिक राज्य सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप नया वेतनमान देने की दिशा में कदम बढ़ाया है. प्रमुख सचिव राज्यपाल के पद से रिटायर आइएएस अफसर जी. पटनायक को 'वेतन समिति उत्तर प्रदेश-2016' का अध्यक्ष बनाया गया है. इस समिति में प्रिंसिपल सेक्रेटर पर्सनल, प्रिंसिपल सेक्रेटरी प्लानिंग और प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनांस भी सदस्य होंगे. समिति की रिपोर्ट छह महीने में आएगी. संभव है चुनाव की अधिसूचना से पहले समिति अंतरिम रिपोर्ट सौंप देगी.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में 18 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां उत्तर प्रदेश में लागू करने का निर्णय ले लिया गया था.
कैबिनेट बैठक के बाद खुद मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा था कि समिति को रिपोर्ट देने के लिए छह माह की मोहलत दी गई है. उन्होंने चुनाव से पहले सातवें वेतन आयोग की मंशा के अनुरूप वेतन का तोहफा देने का संकेत भी दिया था. इसलिए माना जा रहा है कि सरकार चुनाव में जाने से पहले वेतन आयोग को लागू करने की घोषणा भी कर दे. लेकिन सरकारी कर्मचारियों को वेतन अगली सरकार के कार्यकाल में ही मिलने की संभावना है.
बता दें कि राज्य में सातवें वेतन आयोग की वर्तमान सिफारिशों को लागू करने से सरकार पर पहले साल 26,573 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है. अच्छी बात यह है कि सरकार मानसून सत्र में अनुपूरक बजट के माध्यम से धनराशि का इंतजाम करने में जुट गई है. दूसरे साल से कर्मचारियों के वेतन की मद में अतिरिक्त रूप से 22,778 करोड़ की व्यवस्था करनी होगी. अभी वेतन, भत्तों व पेंशन पर वार्षिक 95000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
आज की स्थिति में राज्य सरकार की ओर से यदि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की गई तो राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में औसत 25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा वेतन आयोग लागू हुआ थो उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के मकान किराये भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी होगी.
राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के साढ़े आठ लाख राजकीय कर्मचारी, साढ़े पांच लाख शिक्षक, एक लाख शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय निकाय, जिला पंचायत विकास प्राधिकरणों, स्वशासी संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों निगमों तथा विकास प्राधिकरणों के कर्मचारी लाभान्वित होंगे.
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अखिलेश यादव सरकार चुनाव से पहले सूबे के 21 लाख कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की घोषणा कर चुकी है.
सूचना के मुताबिक राज्य सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप नया वेतनमान देने की दिशा में कदम बढ़ाया है. प्रमुख सचिव राज्यपाल के पद से रिटायर आइएएस अफसर जी. पटनायक को 'वेतन समिति उत्तर प्रदेश-2016' का अध्यक्ष बनाया गया है. इस समिति में प्रिंसिपल सेक्रेटर पर्सनल, प्रिंसिपल सेक्रेटरी प्लानिंग और प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनांस भी सदस्य होंगे. समिति की रिपोर्ट छह महीने में आएगी. संभव है चुनाव की अधिसूचना से पहले समिति अंतरिम रिपोर्ट सौंप देगी.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में 18 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां उत्तर प्रदेश में लागू करने का निर्णय ले लिया गया था.
कैबिनेट बैठक के बाद खुद मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा था कि समिति को रिपोर्ट देने के लिए छह माह की मोहलत दी गई है. उन्होंने चुनाव से पहले सातवें वेतन आयोग की मंशा के अनुरूप वेतन का तोहफा देने का संकेत भी दिया था. इसलिए माना जा रहा है कि सरकार चुनाव में जाने से पहले वेतन आयोग को लागू करने की घोषणा भी कर दे. लेकिन सरकारी कर्मचारियों को वेतन अगली सरकार के कार्यकाल में ही मिलने की संभावना है.
बता दें कि राज्य में सातवें वेतन आयोग की वर्तमान सिफारिशों को लागू करने से सरकार पर पहले साल 26,573 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है. अच्छी बात यह है कि सरकार मानसून सत्र में अनुपूरक बजट के माध्यम से धनराशि का इंतजाम करने में जुट गई है. दूसरे साल से कर्मचारियों के वेतन की मद में अतिरिक्त रूप से 22,778 करोड़ की व्यवस्था करनी होगी. अभी वेतन, भत्तों व पेंशन पर वार्षिक 95000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
आज की स्थिति में राज्य सरकार की ओर से यदि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की गई तो राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में औसत 25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा वेतन आयोग लागू हुआ थो उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के मकान किराये भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी होगी.
राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के साढ़े आठ लाख राजकीय कर्मचारी, साढ़े पांच लाख शिक्षक, एक लाख शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय निकाय, जिला पंचायत विकास प्राधिकरणों, स्वशासी संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों निगमों तथा विकास प्राधिकरणों के कर्मचारी लाभान्वित होंगे.
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