हापुड़ अंतर जनपदीय स्थानांतरण होकर हापुड़ जिले में पहुंचे 54 शिक्षक दो माह
से बिना कोई काम किये वेतन ले रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों
को भी इन शिक्षकों को वेतन देने में कोई गुरेज नहीं है।
अंतर जनपदीय स्थानांतरण लेकर जिले में पहुंचे 54 शिक्षकों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से संबंद्ध किया हुआ है। जहां इनका कार्य मात्र इतना है कि इन शिक्षकों को वहां रखे रजिस्टर में अपने हस्ताक्षर करने हैं और वापस अपने घरों को लौट जाना है। शिक्षकों को भी बिना काम किये वेतन लेने में इतना आनंद आ रहा है कि हस्ताक्षर करने भी ये प्रतिदिन कार्यालय नहीं जाते बल्कि एक दिन ही कार्यालय पहुंचकर पिछले दस या उससे ज्यादा दिनों के हस्ताक्षर कर जाते है। इसके लिए उन्हें कर्मचारी को थोड़ी बहुत धनराशि देनी होती है। यह धनराशि उनके आने जाने के किराये भाड़े से भी कम होती है। जिसके चलते इन शिक्षकों को यह धनराशि देने में कोई दिक्कत नहीं होती और आने जाने की आफत से भी छुटकारा मिल जाता है। विभागीय अधिकारी इन शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। यही वजह है कि दो माह बीतने के बाद भी इन शिक्षकों को नियुक्ति नहीं दी जा सकी है। एक शिक्षक को करीब 35 हजार रूपये प्रति माह का वेतन मिलता है। इस हिसाब से गणना की जाये तो प्रतिमाह 54 शिक्षकों को 18 लाख 90 हजार रूपये का वेतन दिया जा रहा है। जबकि इस धनराशि से जिले के कई विद्यालयों की कायापलट की जा सकती थी।
अधिकारी अगर हुए सजग तो एक सप्ताह में मिल सकती है नियुक्ति
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अगर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा द्वारा जारी किये गये आदेश का पालन किया तो स्थानांतरित होकर आये शिक्षकों को एक सप्ताह के अंदर ही नियुक्ति मिल सकती है। अधिकारियों का कहना है कि जिले में पद रिक्त न होने के कारण नियुक्ति नहीं की जा रही है। सचिव द्वारा जारी किये गये पत्र में जिले में 3 साल की नौकरी पूरी कर चुके शिक्षकों का प्रमोशन कर इसकी रिपोर्ट 21 अक्टूबर तक मुख्यालय को भेजनी है। यह पत्र 15 अक्टूबर को जारी किया गया है। प्रमोशन की लिस्ट एक साल पूर्व ही तैयार की जा चुकी है और शिक्षक प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं।
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अंतर जनपदीय स्थानांतरण लेकर जिले में पहुंचे 54 शिक्षकों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से संबंद्ध किया हुआ है। जहां इनका कार्य मात्र इतना है कि इन शिक्षकों को वहां रखे रजिस्टर में अपने हस्ताक्षर करने हैं और वापस अपने घरों को लौट जाना है। शिक्षकों को भी बिना काम किये वेतन लेने में इतना आनंद आ रहा है कि हस्ताक्षर करने भी ये प्रतिदिन कार्यालय नहीं जाते बल्कि एक दिन ही कार्यालय पहुंचकर पिछले दस या उससे ज्यादा दिनों के हस्ताक्षर कर जाते है। इसके लिए उन्हें कर्मचारी को थोड़ी बहुत धनराशि देनी होती है। यह धनराशि उनके आने जाने के किराये भाड़े से भी कम होती है। जिसके चलते इन शिक्षकों को यह धनराशि देने में कोई दिक्कत नहीं होती और आने जाने की आफत से भी छुटकारा मिल जाता है। विभागीय अधिकारी इन शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। यही वजह है कि दो माह बीतने के बाद भी इन शिक्षकों को नियुक्ति नहीं दी जा सकी है। एक शिक्षक को करीब 35 हजार रूपये प्रति माह का वेतन मिलता है। इस हिसाब से गणना की जाये तो प्रतिमाह 54 शिक्षकों को 18 लाख 90 हजार रूपये का वेतन दिया जा रहा है। जबकि इस धनराशि से जिले के कई विद्यालयों की कायापलट की जा सकती थी।
अधिकारी अगर हुए सजग तो एक सप्ताह में मिल सकती है नियुक्ति
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अगर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा द्वारा जारी किये गये आदेश का पालन किया तो स्थानांतरित होकर आये शिक्षकों को एक सप्ताह के अंदर ही नियुक्ति मिल सकती है। अधिकारियों का कहना है कि जिले में पद रिक्त न होने के कारण नियुक्ति नहीं की जा रही है। सचिव द्वारा जारी किये गये पत्र में जिले में 3 साल की नौकरी पूरी कर चुके शिक्षकों का प्रमोशन कर इसकी रिपोर्ट 21 अक्टूबर तक मुख्यालय को भेजनी है। यह पत्र 15 अक्टूबर को जारी किया गया है। प्रमोशन की लिस्ट एक साल पूर्व ही तैयार की जा चुकी है और शिक्षक प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं।
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