पिछले 30 वर्षों से कार्यरत तदर्थ शिक्षक नहीं हुए नियमित

राजकीय महाविद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने जा रही है। इनमें ऐसे शिक्षक हैं जो पिछले 30 वर्षों से कार्यरत हैं।
राजकीय महाविद्यालय प्रांतीय शिक्षक संघ की अध्यक्ष डॉ. रश्मि यादव व महामंत्री डॉ. एके सैनी ने बताया कि यह प्रकरण कई बार शासन के समक्ष उठाया गया पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया।
उन्‍होंने कहा कि इस समय में प्रदेश में ऐसे कुल 20 शिक्षक ही बचे हैं। वे अभी भी मूल वेतन पर काम कर रहे हैं। इस अवधि में विश्वविद्यालयों से लेकर महाविद्यालयों तक में बहुत सारे तदर्थ शिक्षक विनियमित हुए। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस संबंध में मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व प्रमुख सचिव (उच्च शिक्षा) को फिर ज्ञापन दिया जाएगा।
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