शिक्षामित्रों को नहीं मिलेगा स्‍थानांतरण नीति का लाभ, सुप्रीमकोर्ट में मामला होने से बनाई रखी जाएगी यथास्थिति

प्रदेश में 1.37 लाख समायोजित शिक्षामित्रों को स्थानांतरण नीति का लाभ नहीं मिलेगा। उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण यथास्थिति बनाई रखी जाएगी। शासन ने सभी जिला बेसिक शिक्षा
अधिकारियों को यह निर्देश जारी कर दिए हैं।

राज्य सरकार ने 1.37 लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को अवैध करार दिया। इसके बाद सरकार व शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे दे दिया।

वहीं, कुछ समय पहले शासन ने सहायक अध्यापकों को अंतर्जनपदीय और जिले के अंदर तबादले की सुविधा देने के लिए अलग-अलग स्थानांतरण नीति भी जारी कर दी। भारी संख्या में शिक्षामित्रों ने भी ट्रांसफर के लिए आवेदन किया।
यथास्थिति बनाए रखने की बाध्यता
इस पर सचिव, बेसिक शिक्षा अजय कुमार सिंह ने बताया कि समायोजित शिक्षामित्रों का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण यथास्थिति बनाए रखने की बाध्यता है। इसलिए उन्हें स्थानांतरण नीति का लाभ नहीं दिया जा सकता।

मानदेय भी नहीं बढ़ेगा
समायोजन से वंचित रह गए करीब 26 हजार शिक्षामित्र अपना मानदेय 3500 रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रति माह करने की मांग कर रहे हैं।
शासन के सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के चलते उनके मानदेय में भी किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकती।

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