सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने आदेश दिया है की शिक्षा मित्र से टीचर बने है वो अवैध है

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने आदेश दिया है की शिक्षा मित्र से टीचर बने है वो अवैध है - सोशल मीडिया  पर सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच द्वारा शिक्षा मित्रों की भर्ती रद्द की खबर चर्चा में है ,हालांकिं हमारे ब्लॉग को ऐसे किसी ऑर्डर का पता या किसी प्रमुख समाचार पत्र में इस खबर का जिक्र नहीं मिला है ।
अनुमानत शिक्षा मित्रों पर फैसला चुनाव आचार संहिता के दौरान आने की ज्यादा सम्भावना दिख रही है ,
और हाई कोर्ट का निर्णय बकरार रहकर शिक्षा मित्र भर्ती रद्द होने की पूर्ण सम्भावना है , सामान्यत हाई कोर्ट का निर्णय पलटता नहीं है और
मजबूत दस्तावेजी सपोर्ट भी शिक्षा मित्रो की पास नहीं है ।

सोशल मिडिया पर ये खबर छा रही है (अभी हमारे ब्लॉग को इस खबर की पुष्टि नहीं हुई है ) :-

Ajay Shanker >>


सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने आदेश दिया है की शिक्षा मित्र से टीचर बने है वो अवैध है । राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब भी माँगा है कि , किस आधार पर इनको शिक्षकों की नियुक्ति दी गयी ।शिक्षामित्रों की नियुक्ति पर फंसा पेंच दिल्ली।मा0 सर्वोच्च न्यायालय को बी टी सी प्रशिक्षुओं की ओर से उनके अधिवक्ताओ द्वारा प्रत्यावेदन सौपा गया है जिसमें कहा गया है की जो भी समायोजित शिक्षक है पूरी तरह से अवैध है उन्हें शिक्षामित्र के पद पर तैनात करते समय इण्टर मीडिएट की मेरिट को आधार मान कर की गयी थी न कि स्नातक योग्यता के आधार पर।अतः इनका समायोजन किसी भी परिस्थिति में अध्यापक की योग्यता से परे है। सहायक अध्यापक पद पर नियमावली के तहत स्नातक एवम् टेट योग्यता धारी ही अर्ह है।शिक्षामित्र पद पर चयन के समय जो बरिष्ठता सूची बनी थी उसमे न तो स्नातक योग्यता का जिक्र था और न ही भविष्य में किसी प्रकार से नौकरी का दावा प्रस्तुत करेंगे इस आशय का शपथ पत्र पहले ही शिक्षामित्रो द्वारा नियुक्ति के पूर्व ही लिया जा चूका है।इस आधार पर उत्तर प्रदेश द्वारा समायोजन ही पूरी तरह से अवैध है।यू पी सरकार इन्हें वोट बैंक के रूप में देख रही है,लाखों की संख्या में प्रशिक्षित दर दर की ठोकरे खा रहे और सरकार अपने वोट बैंक के चक्कर में खेल खेल रही है जिसपर सर्वोच्च न्यायालय ने प्रकरण पर जबाब मांगा है।
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