नागपुर। वैसे तो महिलाओं को नौकरी करने के अधिकार प्राप्त हैं लेकिन फिर भी शादी के बाद उनके लिए काफी मुश्किलें पैदा हो जाती हैं। इसमें भी अगर उन्हें पति का साथ ना मिले तो मुश्किल और बढ़ जाती है। लेकिन कानून उनकी मदद के लिए तैयार है।
सुनवाई के बाद जज सुभाष काफरे ने कहा कि पत्नी को सम्मानजनक जिंदगी जीने का हर हक मिला है और वो अपनी शिक्षा के आधार पर अपना भविष्य बनाने के लिए स्वतंत्र है। पति अपनी पत्नी के नौकरी करने के अधिकार पर रोक नहीं लगा सकता, लेकिन उसकी पत्नी को भी उसे सपोर्ट करना होगा।
कोर्ट ने आगे कहा कि महिला पढ़ी लिखी है और उसके पास शिक्षा के आधार पर मिल रही नौकरी के लिए देश में कहीं भी जाने के लिए अधिकार मौजूद हैं। उसने यूपी में शिक्षक बनना स्वीकार किया इसका मतलब यह नहीं है कि उसने पति का साथ छोड़ दिया वो भी बिना किसी कारण।
कोर्ट ने साफ किया कि पति यह साबित करने में नाकाम रहा कि किस कारण उसकी पत्नी नौकरी छोड़ दे। इस दंपति की 10 दिसंबर 2012 को शादी हुई थी। पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी उसकी मां से हमेशा झगड़ती है और उसे अपने माता-पिता का घर छोड़कर अलग रहने के लिए मजबूर किया। किराये के घर में रहने के दौरान उनका फिर झगड़ा हुआ और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई।
उसने शिकायत की कि उसकी पत्नी उसके साथ अच्छी तरह नहीं रहती और बाद में अपने माता-पिता के साथ रहने चली गई। बाद में वो नौकरी के लिए उत्तर प्रदेश रवान हो गई। पत्नी के इस फैसले को महात्वाकांक्षी कदम बताते हुए पति ने मामले में कोर्ट से दखल की मांग की थी।
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सुनवाई के बाद जज सुभाष काफरे ने कहा कि पत्नी को सम्मानजनक जिंदगी जीने का हर हक मिला है और वो अपनी शिक्षा के आधार पर अपना भविष्य बनाने के लिए स्वतंत्र है। पति अपनी पत्नी के नौकरी करने के अधिकार पर रोक नहीं लगा सकता, लेकिन उसकी पत्नी को भी उसे सपोर्ट करना होगा।
कोर्ट ने आगे कहा कि महिला पढ़ी लिखी है और उसके पास शिक्षा के आधार पर मिल रही नौकरी के लिए देश में कहीं भी जाने के लिए अधिकार मौजूद हैं। उसने यूपी में शिक्षक बनना स्वीकार किया इसका मतलब यह नहीं है कि उसने पति का साथ छोड़ दिया वो भी बिना किसी कारण।
कोर्ट ने साफ किया कि पति यह साबित करने में नाकाम रहा कि किस कारण उसकी पत्नी नौकरी छोड़ दे। इस दंपति की 10 दिसंबर 2012 को शादी हुई थी। पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी उसकी मां से हमेशा झगड़ती है और उसे अपने माता-पिता का घर छोड़कर अलग रहने के लिए मजबूर किया। किराये के घर में रहने के दौरान उनका फिर झगड़ा हुआ और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई।
उसने शिकायत की कि उसकी पत्नी उसके साथ अच्छी तरह नहीं रहती और बाद में अपने माता-पिता के साथ रहने चली गई। बाद में वो नौकरी के लिए उत्तर प्रदेश रवान हो गई। पत्नी के इस फैसले को महात्वाकांक्षी कदम बताते हुए पति ने मामले में कोर्ट से दखल की मांग की थी।
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