7TH PAY COMMISSION: बोझ उठाने में सक्षम सार्वजनिक उपक्रमों में ही सातवां वेतन आयोग, प्रदेश के सार्वजनिक उद्यम विभाग ने जारी किया शासनादेश

सार्वजनिक उपक्रमों व निगमों के विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रम में पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स के अनुसार वेतन व अन्य भत्ते देने के बारे में शासनादेश जारी कर दिया गया है। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी लगायी गई हैं।
सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों में एक लाख कर्मचारी कार्यरत हैं।1पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स की व्यवस्था लागू होने के वर्ष के तीन साल पहले के वर्ष तक सार्वजनिक उपक्रम/निगम के लेखों का महालेखाकार द्वारा आडिट किया गया हो और यह सामान्य वार्षिक सभा (एजीएम) द्वारा स्वीकार कर लिया हो। उपक्रम/निगम जिनमें संचित हानि है, उन्होंने इन तीन वर्षों में लगातार शुद्ध लाभ अर्जित किया हो। संबंधित उपक्रम/निगम के प्रबंध तंत्र, शासन के संबंधित प्रशासनिक विभाग तथा वित्त/सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा यह सुनिश्चित कर लिया गया हो कि उपक्रम या निगम वेतन पुनरीक्षण के अतिरिक्त व्ययभार को वहन करने में सक्षम है। जिन उपक्रमों/निगमों में संचित हानि नहीं है, उनके प्रबंध तंत्र, प्रशासनिक विभाग तथा वित्त/सार्वजनिक उद्यम विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपक्रम या निगम वेतन पुनरीक्षण का अतिरिक्त बोझ उठाने में सक्षम है। यह भी जरूरी है कि उपक्रम या निगम आयकर और अन्य केंद्रीय कर, पेंशन अंशदान आदि व अन्य वैधानिक दायित्वों का नियमित भुगतान किया जा रहा हो। 1जो उपक्रम/निगम औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्गठन बोर्ड को संदर्भित हैं और उसके द्वारा पंजीकृत कर लिये गए हैं, उनमें पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स का लाभ नहीं मिलेगा। पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स का लाभ देने के लिए राज्य सरकार कोई अतिरिक्त सहायता नहीं देगी। 1ऐसे सार्वजनिक उपक्रम या निगम जहां पहली जनवरी 2006 से प्रभावी वेतन बैंड व ग्रेड वेतन की व्यवस्था नहीं लागू की गई है और वह पहली जनवरी 1996 या एक जनवरी 2006, जैसी भी स्थिति हो, से वेतनमानों का पुनरीक्षण काल्पनिक आधार पर मानते हुए पहली जनवरी 2016 से पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स का लाभ तय शर्तों के तहत स्वीकृत किया जाएगा। राज्य कर्मचारियों के लिए स्वीकृत की गई पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में वेतन निर्धारण की व्यवस्था और वार्षिक वेतनवृद्धियां को सार्वजनिक उपक्रमों व निगमों के कार्मिकों के लिए भी लागू किया जाएगा। 1सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों के कार्मिकों को राज्य कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता स्वीकृत करने के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग ऐसे उपक्रमों/निगमों की सूची तैयार करेगा, जो इस अतिरिक्त खर्च को उठाने में सक्षम हैं। इस सूची का पुनरावलोकन हर दो साल में किया जाएगा। ऐसे उपक्रमों व निगमों के कार्मिकों को राजकीय कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ता उनके संचालक मंडल की मंजूरी से किया जाएगा। 1सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों के कार्मिकों को पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में राज्य कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ते को छोड़कर वर्तमान में मिल रहे अन्य भत्ते व सुविधाएं को वेतन मैटिक्स में यथावत बनाये रखा जाएगा। पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में राजकीय कर्मचारियों के लिए प्रभावी की गई समयमान वेतनमान/एसीपी की व्यवस्था सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों के कार्मिकों के लिए तभी लागू होगी जब प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्यम की अध्यक्षता में गठित अधिकृत समिति यह सुनिश्चित करेगी कि वे इस अतिरिक्त व्ययभार को वहन करने में सक्षम हैं। 1सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों के ऐसे कार्मिक जो 16 साल की सेवा पूरी होने पर एसीपी या नियमित पदोन्नति के निर्धारित मापदंड पूरे नहीं करते उन्हें आगे वार्षिक वेतनवृद्धियां स्वीकृत नहीं की जाएंगी।राज्य ब्यूरो, लखनऊ1सार्वजनिक उपक्रमों व निगमों के विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रम में पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स के अनुसार वेतन व अन्य भत्ते देने के बारे में शासनादेश जारी कर दिया गया है। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी लगायी गई हैं। सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों में एक लाख कर्मचारी कार्यरत हैं।1पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स की व्यवस्था लागू होने के वर्ष के तीन साल पहले के वर्ष तक सार्वजनिक उपक्रम/निगम के लेखों का महालेखाकार द्वारा आडिट किया गया हो और यह सामान्य वार्षिक सभा (एजीएम) द्वारा स्वीकार कर लिया हो। उपक्रम/निगम जिनमें संचित हानि है, उन्होंने इन तीन वर्षों में लगातार शुद्ध लाभ अर्जित किया हो। संबंधित उपक्रम/निगम के प्रबंध तंत्र, शासन के संबंधित प्रशासनिक विभाग तथा वित्त/सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा यह सुनिश्चित कर लिया गया हो कि उपक्रम या निगम वेतन पुनरीक्षण के अतिरिक्त व्ययभार को वहन करने में सक्षम है।

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