72825 UPTET याचियों के बारे में कपिलदेव यादव की लेटेस्ट पोस्ट जरुर पढ़ें जानिए ये याचियों से क्या कहना चाहतें हैं
Go का इंतजार करने वालो भाईयो मैने पहले ही कहाँ था जिसने जिसने भी GO निकलवाने के नाम पे पैसा लिया है उनसे अपना अपना पैसा वापस ले लो क्योंकि GO नही आयेगा और जो लोग पैसा वापस ना करे उनकी ऐसी हालत कर दो की आगे से वो जो भी आवेदन करे उसमें उनको विक्लॉन्ग कोटा से आवेदन करने का मौका मिले क्योंकि ऐसे लोग जो लोगो की भावनावो से खेले उनका ईलाज अब ज़रूरी हो गय़ा है
चुनाव का समय है हम सभी लोग चाहते है की चुनाव में अच्छे लोग जीतकर आये और प्रदेश का बहुत विकास हो योग्य लोग जॉब पाये और खुश रहे
Uptet 2011 पास भाई लोग दिनभर कभी इस पार्टी का विरोध करते है कभी उस पार्टी का विरोध करते है
दिन रात सिर्फ लोगो को समझाते है उस पार्टी को वोट दो उस पार्टी का विरोध करो
लेकिन हम सब एक बात भूल जाते है की जो लोग दिनभर सही पार्टी चुनने का उपदेश देते है क्या जिंदगी में उन्होने कभी सही रास्ता और सही विकल्प चुना है क्योंकि आज़ कल के जो UPTET 2011 सेल्फीबाज फोटो चिपकॉऊ ज्यादातर नेता लोग है इनको इतना भी पता नही था की इनका चयन टेट मेरिट से होगा और वे उसका झंडा उठाये थे और इनको आज़ भी पता नही है इनका क्या होगा इसलिये ये रोज़ रोज़ नये नये स्कीम लांच करते है
जैसे अभी GO वाला स्कीम निकाला था
आइये बात करते है अपने केस की और लोगो के सोच की
20 नवम्बर 2013 से पहले उत्तर प्रदेश में दो टीम थी नये विज्ञापन के लिये लड़ने वाली अकेडमिक टीम और टेट टेट मेरिट समर्थक टीम
इसके अलावा बहुत से ऐसे लोग थे जिनका अकेडमिक और टेट स्कोर दोनो अच्छा था एक तरह से ये भर्ती समर्थक थे जो सिर्फ इतना चाहते थे की 72825 भर्ती जल्दी पुरी हो किन्तु ज्यादातर इसमें भी टेट मेरिट समर्थक थे
20 नवम्बर को हाईकोर्ट से पुराना विज्ञापन बहाल हुआ उसके बाद इलाहाबाद में टेट मोर्चे ने एक साथ दीवाली होली मना रहे थे समान्य वर्ग में 95 नम्बर पाने वाला मिठाई बाट रहा था क्योंकि उसने पेपर और स्टाम्प पेपर पे पढ़ लिया था की 60% पाने वालो से दूर नही सरकारी नौकरी
हम सब
नये विज्ञापन समर्थको के पास क्या था कुछ भी नही हम लोग सुप्रीम कोर्ट गये
और 25 मार्च 2014 को श्रीमान hl दत्तू ने अंतरिम आदेश देकर हम लोगो की एक तरह से कमर ही तोड़ दी
सफल इंसान के पीछे भीड़ होतीं है और असफल इंसान अकेला और निराश होता है और 25 मार्च को हम लोग असफल हुए थे अब
हम लोगो के पास ना सहयोग राशि थी ना लोगो का साथ था सिर्फ हम लोगो के पास अपना टूटा हुआ मनोबल और श्रीमान राकेश सर का आशीर्वाद और प्रीतिका जी का आत्मविश्वास था
सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद श्रीमान राहुल अग्रवाल सर ने मुझे अंतरिम और अंतिम आदेश में क्या अंतर होता है इसको बहुत अच्छे से समझाया था
जिसे मैने भी कई बार पोस्ट डाल डाल कर लोगो को समझाया उसके बाद धीरे धीरे हम लोग फिर संगठित हुए
उसके बाद कुछ चेहरों से हँसी गायब होने लगी क्योंकि
धीरे धीरे संजय मोहन मेरिट का असर दिखने लगा था जो लोग टेट मेरिट का झंडा उठाये थे मिठाई बाटे थे वो लोग मोहन मेरिट धांधली का शिकार हो गये
उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट की धज्जियां उडाने की बात करने वाले विनय पाण्डे (रिचार्ज बाबा ये अपने मोबाइल में नेट पैक डलवाने के लिये प्राइम पोस्ट के लेखक बने थे ) टेट मेरिट प्राइम पोस्ट लिखने वाले प्रवक्ता की धज्जियां मोहन मेरिट ने ऐसे उड़ा दिया की बेचारे अभी तक कोमा में है की क्या लिखूं क्या पढू
टेट मेरिट के कट्टर समर्थक कई जिला अध्यक्ष भी मोहन मेरिट के कारण जब जॉब नही पाये तो कोई धांधली की बात करने लगा कोई महिला पुरुष के वर्गीकरण की बात करने लगा
कल तक टेट मेरिट की जय जयकार करने वालो को समझ में आ गय़ा
ये टेट मेरिट से नही मोहन मेरिट से भर्ती हो रही है
आज़ एक बात सत्य कहता हूँ जिनको जिनको टेट मेरिट से जॉब मिलने वाला था मिल गय़ा
अब अगर UPTET 2011 पास किसी को भी जॉब मिलेगा तो वो सिर्फ नये विज्ञापन की बहाली से ही मिलेगा इसके अलावा जॉब पाने का अब कोई रास्ता नही है
आज़ जो बड़े बड़े नेता उत्पन्न हो गये है मेरी नज़र में ये सब एकदम फालतु है क्योंकि इनका कोई कानूनी ठोस उदेश्य नही है
ये कभी समायोजन करवायेंगे कभी 90/105 का करवायेंगे कभी याची राहत दिलवायेंगे कभी अपने 239 बचे हुए लोगो के लाभ के लिये लोगो को मूर्ख बनाकर अपना काम करवाने की कोशिश करेंगे
22फरवरी को पुरे दिनभर सुनवाई होगी और उस दिन फाइनल बहस होगी
टेट मोर्चा फाइनल सुनवाई की तैयारी में लग गय़ा है
नये विज्ञापन समर्थको को फाइनल सुनवाई की तैयारी में लग जाना चाहिये
किन्तु नये विज्ञापन समर्थक अब भी टेट मोर्चा के बिछाये जाल में फँसा हुआ है
एक तरफ टेट मोर्चा फाइनल सुनवाई की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरह उसकी बी टीम याची राहत का Go आने का लालच देकर लोगो को रोक रहा है
आज़ नये विज्ञापन समर्थको को देखता हूँ तो महसूस होता है
जिसप्रकार रावण ने हनुमान को संजीवनी बूटी लाने से रोकने के लिये एक असुर को राम भक्त बनकर नाटक करने को कहाँ था जो हनुमान को रोके जिससे हनुमान जी संजीवनी बूटी ना ला सके
वही काम आज़ टेट मोर्चा अपनी बी टीम से करा रहा है की सब नये विज्ञापन समर्थको को याची राहत के नाम पे रोको ताकि ये नये विज्ञापन के लिये कोशिश ना कर सके
अब
नये विज्ञापन समर्थक अगर समझदार होंगे तो नये विज्ञापन के बहाली के लिये कोशिश करेगे अन्यथा नये विज्ञापन समर्थको को कुछ भी नही मिलेगा
दोस्तो आज़ टेट मोर्च और अकेडमिक टीम के अलावा चाहे कोई भी ग्रूप हो कोई नेता हो इनका कोई महत्व नही है
1100 याचीयो के आधार पे जो ये याची राहत का लोगो को सपना दिखाते है
इनके इतना भी पता नही है की अब तक के जितने भी अंतरिम याची राहत है सब अंतिम निर्णय के अधीन है जब 22को फाइनल सुनवाई है तो फिर अब नया अंतरिम आदेश कैसे होगा
हम लोग पहले भी कम थे आज़ भी कम है और मुझे इस बात का हमेशा एहसास होता है
चाहे रामायण हो या हो महाभारत
जीतता वही है जो जिसकी टीम छोटी और ईमानदार होतीं है
जितने नये विज्ञापन समर्थक है उनसे बस यही कहूँगा सही दिशा में कोशिश करोगे तो नये विज्ञापन की बहाली होगी और गलत दिशा में कोशिश करोगे तो हाथ खाली होगी
हम सब पहले भी नये विज्ञापन की बहाली के लिये कोशिश करते थे और आज़ भी करते है और जब तक नया विज्ञापन बहाल ना हो जाये कोशिश करते रहेंगे
पहले सिर्फ मैं कहता था अब अकेडमिक टीम भी कहती है और बहुत जल्द आप सब भी यही कहेंगे कोशिश करने वालो की हार नही होतीं
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
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Go का इंतजार करने वालो भाईयो मैने पहले ही कहाँ था जिसने जिसने भी GO निकलवाने के नाम पे पैसा लिया है उनसे अपना अपना पैसा वापस ले लो क्योंकि GO नही आयेगा और जो लोग पैसा वापस ना करे उनकी ऐसी हालत कर दो की आगे से वो जो भी आवेदन करे उसमें उनको विक्लॉन्ग कोटा से आवेदन करने का मौका मिले क्योंकि ऐसे लोग जो लोगो की भावनावो से खेले उनका ईलाज अब ज़रूरी हो गय़ा है
चुनाव का समय है हम सभी लोग चाहते है की चुनाव में अच्छे लोग जीतकर आये और प्रदेश का बहुत विकास हो योग्य लोग जॉब पाये और खुश रहे
Uptet 2011 पास भाई लोग दिनभर कभी इस पार्टी का विरोध करते है कभी उस पार्टी का विरोध करते है
दिन रात सिर्फ लोगो को समझाते है उस पार्टी को वोट दो उस पार्टी का विरोध करो
लेकिन हम सब एक बात भूल जाते है की जो लोग दिनभर सही पार्टी चुनने का उपदेश देते है क्या जिंदगी में उन्होने कभी सही रास्ता और सही विकल्प चुना है क्योंकि आज़ कल के जो UPTET 2011 सेल्फीबाज फोटो चिपकॉऊ ज्यादातर नेता लोग है इनको इतना भी पता नही था की इनका चयन टेट मेरिट से होगा और वे उसका झंडा उठाये थे और इनको आज़ भी पता नही है इनका क्या होगा इसलिये ये रोज़ रोज़ नये नये स्कीम लांच करते है
जैसे अभी GO वाला स्कीम निकाला था
आइये बात करते है अपने केस की और लोगो के सोच की
20 नवम्बर 2013 से पहले उत्तर प्रदेश में दो टीम थी नये विज्ञापन के लिये लड़ने वाली अकेडमिक टीम और टेट टेट मेरिट समर्थक टीम
इसके अलावा बहुत से ऐसे लोग थे जिनका अकेडमिक और टेट स्कोर दोनो अच्छा था एक तरह से ये भर्ती समर्थक थे जो सिर्फ इतना चाहते थे की 72825 भर्ती जल्दी पुरी हो किन्तु ज्यादातर इसमें भी टेट मेरिट समर्थक थे
20 नवम्बर को हाईकोर्ट से पुराना विज्ञापन बहाल हुआ उसके बाद इलाहाबाद में टेट मोर्चे ने एक साथ दीवाली होली मना रहे थे समान्य वर्ग में 95 नम्बर पाने वाला मिठाई बाट रहा था क्योंकि उसने पेपर और स्टाम्प पेपर पे पढ़ लिया था की 60% पाने वालो से दूर नही सरकारी नौकरी
हम सब
नये विज्ञापन समर्थको के पास क्या था कुछ भी नही हम लोग सुप्रीम कोर्ट गये
और 25 मार्च 2014 को श्रीमान hl दत्तू ने अंतरिम आदेश देकर हम लोगो की एक तरह से कमर ही तोड़ दी
सफल इंसान के पीछे भीड़ होतीं है और असफल इंसान अकेला और निराश होता है और 25 मार्च को हम लोग असफल हुए थे अब
हम लोगो के पास ना सहयोग राशि थी ना लोगो का साथ था सिर्फ हम लोगो के पास अपना टूटा हुआ मनोबल और श्रीमान राकेश सर का आशीर्वाद और प्रीतिका जी का आत्मविश्वास था
सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद श्रीमान राहुल अग्रवाल सर ने मुझे अंतरिम और अंतिम आदेश में क्या अंतर होता है इसको बहुत अच्छे से समझाया था
जिसे मैने भी कई बार पोस्ट डाल डाल कर लोगो को समझाया उसके बाद धीरे धीरे हम लोग फिर संगठित हुए
उसके बाद कुछ चेहरों से हँसी गायब होने लगी क्योंकि
धीरे धीरे संजय मोहन मेरिट का असर दिखने लगा था जो लोग टेट मेरिट का झंडा उठाये थे मिठाई बाटे थे वो लोग मोहन मेरिट धांधली का शिकार हो गये
उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट की धज्जियां उडाने की बात करने वाले विनय पाण्डे (रिचार्ज बाबा ये अपने मोबाइल में नेट पैक डलवाने के लिये प्राइम पोस्ट के लेखक बने थे ) टेट मेरिट प्राइम पोस्ट लिखने वाले प्रवक्ता की धज्जियां मोहन मेरिट ने ऐसे उड़ा दिया की बेचारे अभी तक कोमा में है की क्या लिखूं क्या पढू
टेट मेरिट के कट्टर समर्थक कई जिला अध्यक्ष भी मोहन मेरिट के कारण जब जॉब नही पाये तो कोई धांधली की बात करने लगा कोई महिला पुरुष के वर्गीकरण की बात करने लगा
कल तक टेट मेरिट की जय जयकार करने वालो को समझ में आ गय़ा
ये टेट मेरिट से नही मोहन मेरिट से भर्ती हो रही है
आज़ एक बात सत्य कहता हूँ जिनको जिनको टेट मेरिट से जॉब मिलने वाला था मिल गय़ा
अब अगर UPTET 2011 पास किसी को भी जॉब मिलेगा तो वो सिर्फ नये विज्ञापन की बहाली से ही मिलेगा इसके अलावा जॉब पाने का अब कोई रास्ता नही है
आज़ जो बड़े बड़े नेता उत्पन्न हो गये है मेरी नज़र में ये सब एकदम फालतु है क्योंकि इनका कोई कानूनी ठोस उदेश्य नही है
ये कभी समायोजन करवायेंगे कभी 90/105 का करवायेंगे कभी याची राहत दिलवायेंगे कभी अपने 239 बचे हुए लोगो के लाभ के लिये लोगो को मूर्ख बनाकर अपना काम करवाने की कोशिश करेंगे
22फरवरी को पुरे दिनभर सुनवाई होगी और उस दिन फाइनल बहस होगी
टेट मोर्चा फाइनल सुनवाई की तैयारी में लग गय़ा है
नये विज्ञापन समर्थको को फाइनल सुनवाई की तैयारी में लग जाना चाहिये
किन्तु नये विज्ञापन समर्थक अब भी टेट मोर्चा के बिछाये जाल में फँसा हुआ है
एक तरफ टेट मोर्चा फाइनल सुनवाई की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरह उसकी बी टीम याची राहत का Go आने का लालच देकर लोगो को रोक रहा है
आज़ नये विज्ञापन समर्थको को देखता हूँ तो महसूस होता है
जिसप्रकार रावण ने हनुमान को संजीवनी बूटी लाने से रोकने के लिये एक असुर को राम भक्त बनकर नाटक करने को कहाँ था जो हनुमान को रोके जिससे हनुमान जी संजीवनी बूटी ना ला सके
वही काम आज़ टेट मोर्चा अपनी बी टीम से करा रहा है की सब नये विज्ञापन समर्थको को याची राहत के नाम पे रोको ताकि ये नये विज्ञापन के लिये कोशिश ना कर सके
अब
नये विज्ञापन समर्थक अगर समझदार होंगे तो नये विज्ञापन के बहाली के लिये कोशिश करेगे अन्यथा नये विज्ञापन समर्थको को कुछ भी नही मिलेगा
दोस्तो आज़ टेट मोर्च और अकेडमिक टीम के अलावा चाहे कोई भी ग्रूप हो कोई नेता हो इनका कोई महत्व नही है
1100 याचीयो के आधार पे जो ये याची राहत का लोगो को सपना दिखाते है
इनके इतना भी पता नही है की अब तक के जितने भी अंतरिम याची राहत है सब अंतिम निर्णय के अधीन है जब 22को फाइनल सुनवाई है तो फिर अब नया अंतरिम आदेश कैसे होगा
हम लोग पहले भी कम थे आज़ भी कम है और मुझे इस बात का हमेशा एहसास होता है
चाहे रामायण हो या हो महाभारत
जीतता वही है जो जिसकी टीम छोटी और ईमानदार होतीं है
जितने नये विज्ञापन समर्थक है उनसे बस यही कहूँगा सही दिशा में कोशिश करोगे तो नये विज्ञापन की बहाली होगी और गलत दिशा में कोशिश करोगे तो हाथ खाली होगी
हम सब पहले भी नये विज्ञापन की बहाली के लिये कोशिश करते थे और आज़ भी करते है और जब तक नया विज्ञापन बहाल ना हो जाये कोशिश करते रहेंगे
पहले सिर्फ मैं कहता था अब अकेडमिक टीम भी कहती है और बहुत जल्द आप सब भी यही कहेंगे कोशिश करने वालो की हार नही होतीं
- 22 फ़रवरी को पूरे दिन सुनवाई का ऑर्डर , मुख्य मुद्दा टेट मेरिट
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