इलाहाबाद : आदर्श शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने गुरुवार को केंद्रीय कार्यालय में प्रादेशिक बैठक की। कहा गया कि यदि गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय बंद करा दिए जाएं तो शिक्षकों के समायोजन की जरूरत ही नहीं
पड़ेगी। क्योंकि इससे छात्र संख्या अपेक्षा से अधिक हो जाएगी और नई भर्ती करनी होगी।
बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डा. रुद्र प्रभाकर मिश्र ने की। उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं के लिए हमेशा सितंबर महीने की छात्र संख्या को मानक के रूप में आधार माना जाता रहा है। तो 2017-18 में शिक्षकों के पद सृजन और समायोजन के लिए अप्रैल 2017 की छात्र संख्या को मानक मानकर उसे आधार छात्र संख्या के रूप में किस नियम से किया जा रहा है। कहा गया कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार अवैध रूप से संचालित गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को 15 जुलाई तक बंद करा दे तो शिक्षकों के समायोजन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के बंद होने पर वहां के बच्चे परिषदीय विद्यालयों/जीआइसी/जीजीआइसी/सहायता प्राप्त स्कूलों में ही आएंगे।
बल्कि छात्रों की संख्या बढ़ जाने पर शिक्षकों की नई भर्ती भी करनी होगी। इससे लाखों बीएड, बीटीसी और टीईटी पास योग्यताधारी युवाओं को रोजगार मिलेगा। बैठक में इस मुद्दे के अलावा कहा गया कि शिक्षकों को कैशलेस इलाज, दो बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 50-50 लाख रुपये अनुदान या चार फीसद ब्याज पर ऋण दिया जाए। बैठक में भारत भूषण तिवारी, बैद्यनाथ मिश्र, कमलेश त्रिपाठी, नीरज मिश्र, नागेंद्र नाथ, डा. मुनीश मिश्र, डा. गीता रंजन, डा. नीलम ओझा सहित अन्य शिक्षक शामिल रहे। संचालन भूपेंद्र प्रताप सिंह ने किया।
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पड़ेगी। क्योंकि इससे छात्र संख्या अपेक्षा से अधिक हो जाएगी और नई भर्ती करनी होगी।
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बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डा. रुद्र प्रभाकर मिश्र ने की। उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं के लिए हमेशा सितंबर महीने की छात्र संख्या को मानक के रूप में आधार माना जाता रहा है। तो 2017-18 में शिक्षकों के पद सृजन और समायोजन के लिए अप्रैल 2017 की छात्र संख्या को मानक मानकर उसे आधार छात्र संख्या के रूप में किस नियम से किया जा रहा है। कहा गया कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार अवैध रूप से संचालित गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को 15 जुलाई तक बंद करा दे तो शिक्षकों के समायोजन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के बंद होने पर वहां के बच्चे परिषदीय विद्यालयों/जीआइसी/जीजीआइसी/सहायता प्राप्त स्कूलों में ही आएंगे।
बल्कि छात्रों की संख्या बढ़ जाने पर शिक्षकों की नई भर्ती भी करनी होगी। इससे लाखों बीएड, बीटीसी और टीईटी पास योग्यताधारी युवाओं को रोजगार मिलेगा। बैठक में इस मुद्दे के अलावा कहा गया कि शिक्षकों को कैशलेस इलाज, दो बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 50-50 लाख रुपये अनुदान या चार फीसद ब्याज पर ऋण दिया जाए। बैठक में भारत भूषण तिवारी, बैद्यनाथ मिश्र, कमलेश त्रिपाठी, नीरज मिश्र, नागेंद्र नाथ, डा. मुनीश मिश्र, डा. गीता रंजन, डा. नीलम ओझा सहित अन्य शिक्षक शामिल रहे। संचालन भूपेंद्र प्रताप सिंह ने किया।
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