समायोजित शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार विद्यालय से हटाया नही जा सकता

प्रदेश सरकार का शिक्षा के क्षेत्र में एक और प्रयोग असफल होगा ।
1- छात्रों की संख्या अप्रैल माह के आधार पर पद सृजन । जबकि अप्रैल में बच्चे आते ही नही । कक्षा 1 व 6 का नामांकन पूर्ण हो ही नही पाता ।सत्र के मध्य में समायोजन निराधार ।
2- समायोजित शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार विद्यालय से हटाया नही जा सकता ।
3- समायोजित शिक्षकों के निर्णय के बिना पदस्थापन का निर्णय उक्त तिथियों तक सम्भव नही ।
4- उच्च प्रा0 वि0 में अधिकांश शिक्षक 55 वर्ष के ऊपर हैं उनके लिए नीति में कोई निर्देश नही है ।जय उच्च न्यायालय ।
5- उच्च प्रा0 वि0 के विज्ञान व गणित के दो पद है भाषा शिक्षक सा0वि0 , उर्दू शिक्षकों व स्वयं प्रधानाध्यापक को कैसे निर्धारित किया जायेगा । स्पष्ट निर्देश नही है ।
6- विभागीय त्रुटियां शिक्षक को स्वयं अवसर देगी ।
माननीय उच्च न्यायालय सरकार की एक औऱ नीति असफल करेगा । जय शिक्षक ! जय शिक्षक एकता !
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