केस-एक- प्राथमिक विद्यालय गोला बाजार
यहां स्कूल में 108 बच्चों का पंजीकरण है, लेकिन उन्हें पढ़ाने का जिम्मा केवल एक शिक्षिका पर है। यहां तैनात शिक्षिका गीतिका सक्सेना दो वर्ष से अकेले ही बच्चों को पढ़ा रही हैं।
ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां शिक्षा का स्तर कैसा होगा।
केस-दो - प्राथमिक विद्यालय भरवाल
विद्यालय में अब तक 65 बच्चों का पंजीकरण है, बच्चों का प्रवेश अभी जारी है, लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए केवल एक ही शिक्षक की तैनाती है। प्रधानाध्यापिका प्रतिभा देवी का कहना है कि वह अकेले ही पिछले वर्ष से बच्चों को पढ़ा रही हैं।
केस-तीन- प्राथमिक विद्यालय नगला खुशहाल
विद्यालय में 55 बच्चे पंजीकृत हैं। इसमें बच्चों की औसत उपस्थिति 45 रहती है, लेकिन एक ही शिक्षक के ऊपर विद्यालय संचालन की जिम्मेदारी है। ऐसे में बच्चों का होमवर्क चेक करने में ही पूरा समय बीत जाता है। शिक्षकों की संख्या बढ़े तो कुछ सुधार हो।
केस-चार- प्राथमिक विद्यालय नगला पजाबा
विद्यालय में कुल 37 बच्चों का पंजीकरण हैं। यहां तीन शिक्षकों की तैनाती है। बच्चों की औसत उपस्थित 25 तक ही रहती है। इसके बाद भी यहां से शिक्षकों को दूसरे स्कूल में समायोजित नहीं किया जा रहा है।
केस-पांच- उच्च प्राथमिक विद्यालय रमईहार
विद्यालय में चार शिक्षकों की तैनाती है। इसमें केवल 39 बच्चों का ही
पंजीकरण है। इनमें भी सभी बच्चे स्कूल नहीं आते हैं। छात्र संख्या के आधार पर यहां शिक्षकों की संख्या अधिक है। अब तक शिक्षकों को नहीं हटाया गया है।
केस-छह -प्राथमिक विद्यालय गणेशपुरा
विद्यालय में केवल 53 बच्चे ही पंजीकृत हैं। इनको पढ़ाने के लिए यहां चार शिक्षक तैनात हैं। जबकि छात्र संख्या के आधार पर यहां केवल दो शिक्षकों की ही तैनाती होनी चाहिए। यहां शिक्षकों को नहीं हटाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : ये स्कूल शिक्षकों की तैनाती में किए गए जुगाड़ बताने के लिए काफी हैं। जिसे जहां जुगाड़ बना, वहां अपनी तैनाती करा ली। हाल ये हुआ कि जहां बच्चे नहीं हैं, वहां शिक्षक अधिक तैनात हो गए और जहां बच्चे हैं, वहां शिक्षकों का टोटा। अपनी सुविधा के अनुसार शिक्षकों ने
तैनाती में जुगाड़ किया।
परिषदीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा को शासन ने शिक्षक समायोजन का फैसला लिया था। छात्र संख्या के आधार पर ही शिक्षकों को समायोजित करना था। जिले के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की स्थिति बेहद खराब है। कहीं एक सैकड़ा छात्रों को पढ़ाने के लिए एक ही शिक्षक की तैनाती है, तो कहीं आधा सैकड़ा बच्चों को पढ़ाने के लिए चार शिक्षक हैं। अब फिर से खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सरप्लस शिक्षकों की सूची तैयार कर रहे हैं। जिसके बाद ऐसे शिक्षकों से तैनाती के लिए स्कूलों के तीन-तीन विकल्प भरवाए जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कम शिक्षक वाले विद्यालय में समायोजित कर लिया जाएगा।
इनका कहना है
शिक्षक समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही सरप्लस
शिक्षकों का समायोजन कर दिया जाएगा।
विजय प्रताप यादव,
बीएसए
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यहां स्कूल में 108 बच्चों का पंजीकरण है, लेकिन उन्हें पढ़ाने का जिम्मा केवल एक शिक्षिका पर है। यहां तैनात शिक्षिका गीतिका सक्सेना दो वर्ष से अकेले ही बच्चों को पढ़ा रही हैं।
ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां शिक्षा का स्तर कैसा होगा।
केस-दो - प्राथमिक विद्यालय भरवाल
विद्यालय में अब तक 65 बच्चों का पंजीकरण है, बच्चों का प्रवेश अभी जारी है, लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए केवल एक ही शिक्षक की तैनाती है। प्रधानाध्यापिका प्रतिभा देवी का कहना है कि वह अकेले ही पिछले वर्ष से बच्चों को पढ़ा रही हैं।
केस-तीन- प्राथमिक विद्यालय नगला खुशहाल
विद्यालय में 55 बच्चे पंजीकृत हैं। इसमें बच्चों की औसत उपस्थिति 45 रहती है, लेकिन एक ही शिक्षक के ऊपर विद्यालय संचालन की जिम्मेदारी है। ऐसे में बच्चों का होमवर्क चेक करने में ही पूरा समय बीत जाता है। शिक्षकों की संख्या बढ़े तो कुछ सुधार हो।
केस-चार- प्राथमिक विद्यालय नगला पजाबा
विद्यालय में कुल 37 बच्चों का पंजीकरण हैं। यहां तीन शिक्षकों की तैनाती है। बच्चों की औसत उपस्थित 25 तक ही रहती है। इसके बाद भी यहां से शिक्षकों को दूसरे स्कूल में समायोजित नहीं किया जा रहा है।
केस-पांच- उच्च प्राथमिक विद्यालय रमईहार
विद्यालय में चार शिक्षकों की तैनाती है। इसमें केवल 39 बच्चों का ही
पंजीकरण है। इनमें भी सभी बच्चे स्कूल नहीं आते हैं। छात्र संख्या के आधार पर यहां शिक्षकों की संख्या अधिक है। अब तक शिक्षकों को नहीं हटाया गया है।
केस-छह -प्राथमिक विद्यालय गणेशपुरा
विद्यालय में केवल 53 बच्चे ही पंजीकृत हैं। इनको पढ़ाने के लिए यहां चार शिक्षक तैनात हैं। जबकि छात्र संख्या के आधार पर यहां केवल दो शिक्षकों की ही तैनाती होनी चाहिए। यहां शिक्षकों को नहीं हटाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : ये स्कूल शिक्षकों की तैनाती में किए गए जुगाड़ बताने के लिए काफी हैं। जिसे जहां जुगाड़ बना, वहां अपनी तैनाती करा ली। हाल ये हुआ कि जहां बच्चे नहीं हैं, वहां शिक्षक अधिक तैनात हो गए और जहां बच्चे हैं, वहां शिक्षकों का टोटा। अपनी सुविधा के अनुसार शिक्षकों ने
तैनाती में जुगाड़ किया।
परिषदीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा को शासन ने शिक्षक समायोजन का फैसला लिया था। छात्र संख्या के आधार पर ही शिक्षकों को समायोजित करना था। जिले के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की स्थिति बेहद खराब है। कहीं एक सैकड़ा छात्रों को पढ़ाने के लिए एक ही शिक्षक की तैनाती है, तो कहीं आधा सैकड़ा बच्चों को पढ़ाने के लिए चार शिक्षक हैं। अब फिर से खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सरप्लस शिक्षकों की सूची तैयार कर रहे हैं। जिसके बाद ऐसे शिक्षकों से तैनाती के लिए स्कूलों के तीन-तीन विकल्प भरवाए जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कम शिक्षक वाले विद्यालय में समायोजित कर लिया जाएगा।
इनका कहना है
शिक्षक समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही सरप्लस
शिक्षकों का समायोजन कर दिया जाएगा।
विजय प्रताप यादव,
बीएसए
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