नई दिल्ली : देश की आधी आबादी के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने देश की सभी महिलाओं को हेल्थ कार्ड देने का फैसला किया है। इस कार्ड को हासिल करने के लिए आधार कार्ड बनवाना जरूरी होगा। आधार लिंक्ड इस कार्ड के जरिए महिलाओं का साल में एक बार फ्री हेल्थ चेकअप होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस योजना को अमली जामा पहनाएगा। वह इस कार्ड को बनवाने के लिए राज्यों के साथ तालमेल बिठाएगा। इस योजना पर कितना खर्च होगा, इसका आकलन जल्द किया जाएगा। इस योजना को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स से मंजूरी मिल गई है। माना जा रहा है कि इसे जल्द ही कैबिनेट की भी मंजूरी मिल जाएगी। महिलाओं को हेल्थ कार्ड देने का सुझाव महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने दिया था। वह काफी समय से महिलाओं को हेल्थ कार्ड देने पर जोर दे रही थीं।
कैंसर की जांच पर फोकस
हेल्थ कार्ड के जरिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स और अन्य सरकारी अस्पतालों में महिलाओं का साल में एक बार फ्री हेल्थ चेकअप किया जाएगा। चेकअप के दौरान कैंसर की जांच पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसकी वजह यह है कि भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसी कोई दिक्कत होने पर इस जांच से कैंसर का समय रहते पता लगाने में आसानी होगी। यह योजना राष्ट्रीय महिला नीति का एक हिस्सा है।
दूर-दराज के इलाके हैं चुनौती
विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि देश के दूर-दराज इलाकों में भी मेडिकल जांच की सुविधाएं मजबूत की जाएं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो एक बड़े तबके की महिलाओं के लिए इस योजना को कोई मतलब नहीं होगा।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस योजना को अमली जामा पहनाएगा। वह इस कार्ड को बनवाने के लिए राज्यों के साथ तालमेल बिठाएगा। इस योजना पर कितना खर्च होगा, इसका आकलन जल्द किया जाएगा। इस योजना को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स से मंजूरी मिल गई है। माना जा रहा है कि इसे जल्द ही कैबिनेट की भी मंजूरी मिल जाएगी। महिलाओं को हेल्थ कार्ड देने का सुझाव महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने दिया था। वह काफी समय से महिलाओं को हेल्थ कार्ड देने पर जोर दे रही थीं।
कैंसर की जांच पर फोकस
हेल्थ कार्ड के जरिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स और अन्य सरकारी अस्पतालों में महिलाओं का साल में एक बार फ्री हेल्थ चेकअप किया जाएगा। चेकअप के दौरान कैंसर की जांच पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसकी वजह यह है कि भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसी कोई दिक्कत होने पर इस जांच से कैंसर का समय रहते पता लगाने में आसानी होगी। यह योजना राष्ट्रीय महिला नीति का एक हिस्सा है।
दूर-दराज के इलाके हैं चुनौती
विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि देश के दूर-दराज इलाकों में भी मेडिकल जांच की सुविधाएं मजबूत की जाएं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो एक बड़े तबके की महिलाओं के लिए इस योजना को कोई मतलब नहीं होगा।
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