वित्तविहीन स्कूलों में मानदेय बंद होने से नाराज हैं शिक्षक प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय तीन लाख से ज्यादा वित्तविहीन शिक्षक सरकार द्वारा मानदेय बंद करने पर 18 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेंगे।
माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी ने भाजपा
सरकार पर शिक्षकों के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को मानदेय दिए जाने की कोई नीति नहीं है। वर्ष 2016-17 में मानदेय विशेष प्रोत्साहन मानदेय के तहत दिया गया था। श्री द्विवेदी और एमएलसी व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र के नेतृत्व में शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे। पूर्ववर्ती सपा सरकार ने वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को मानदेय देने का फैसला किया था और इसके तहत प्रधानाचार्यों से लेकर सहायक अध्यापकों तक को 1100 से लेकर 800 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा था लेकिन भाजपा सरकार ने मानदेय देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार वित्तविहीन स्कूलों में अध्यापन कर रहे सभी शिक्षकों-कर्मचारियों की सेवा नियमावली बना कर समान कार्य के लिए समान वेतन देने के लिए कार्रवाई शुरू करें, तब तक सरकार शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने का आदेश करे। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का 87 फीसदी भार वित्तविहीन स्कूलों पर है। प्रदेश महासचिव अजय सिंह ने वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों से 18 जुलाई को विधानसभा घेरने का आह्वान किया है।
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माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी ने भाजपा
सरकार पर शिक्षकों के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को मानदेय दिए जाने की कोई नीति नहीं है। वर्ष 2016-17 में मानदेय विशेष प्रोत्साहन मानदेय के तहत दिया गया था। श्री द्विवेदी और एमएलसी व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र के नेतृत्व में शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे। पूर्ववर्ती सपा सरकार ने वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को मानदेय देने का फैसला किया था और इसके तहत प्रधानाचार्यों से लेकर सहायक अध्यापकों तक को 1100 से लेकर 800 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा था लेकिन भाजपा सरकार ने मानदेय देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार वित्तविहीन स्कूलों में अध्यापन कर रहे सभी शिक्षकों-कर्मचारियों की सेवा नियमावली बना कर समान कार्य के लिए समान वेतन देने के लिए कार्रवाई शुरू करें, तब तक सरकार शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने का आदेश करे। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का 87 फीसदी भार वित्तविहीन स्कूलों पर है। प्रदेश महासचिव अजय सिंह ने वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों से 18 जुलाई को विधानसभा घेरने का आह्वान किया है।
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