इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन करने के लिए कई जिलों में गुरुवार को सूची का प्रकाशन हुआ है, वहीं तमाम ऐसे भी जिले हैं, जहां बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को गुपचुप सूची
थमा दी है।
लखनऊ के बीएसए ने शिक्षकों से आपत्तियां मांगी हैं। विद्यालयों की छात्र संख्या में हेरफेर की हर जिले से शिकायतें आ रही हैं लेकिन, अफसर उस पर मौन साधे हैं।
परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 65 हजार शिक्षकों का जिले के ही सुदूर स्थित विद्यालयों में जरूरत के हिसाब से समायोजन होना है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन होनी थी लेकिन, शिक्षकों का सैलरी डाटा फीड न होने से ऑफलाइन समायोजन होने का आदेश जारी हुआ है। अब कई बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने सरप्लस शिक्षकों की सूची का प्रकाशन किया है, यह सूचियां विकासखंड के अनुरूप बनी हैं। तैयारी है कि अब शिक्षकों की काउंसिलिंग कराकर उन्हें विद्यालय का आवंटन होगा, ताकि किसी को परेशानी नहीं हो।
ऐसे जिलों की तादाद भी काफी अधिक हैं, जहां के बीएसए सूची प्रकाशन नहीं कर रहे हैं, बल्कि खंड शिक्षा अधिकारी को थमाकर आदेश का अनुपालन कराने को कह रहे हैं। लखनऊ में बीएसए ने आदेश जारी किया है कि जिस शिक्षक को समायोजन से आपत्ति है वह लिखकर दे।
तमाम जिलों से छात्र संख्या में हेरफेर करने की बहुतायत शिकायतें आ रही हैं, जिसमें शिक्षकों ने छात्र संख्या मनमाने तरीके से बढ़ा दी है, ताकि अपनों को दूर जाने से बचाया जा सके। इसकी लिखित शिकायतें भी हो रही हैं, लेकिन अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं उनका कहना है कि बढ़ी छात्र संख्या मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी है अब उसे कैसे घटाया जाए। अफसर यह भूल गये हैं कि बच्चों का आधार कार्ड बनाने में सही छात्र संख्या सामने आने पर वह कौन सा तर्क देंगे। असल में छात्र संख्या के हिसाब से ही प्राथमिक स्कूलों में समायोजन हो रहा है, जिलों में प्रक्रिया शुरू होते ही शिक्षकों की दौड़ भी तेज हो गई है। छात्र संख्या पर बड़े अफसर भी चुप्पी साधे हैं।
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थमा दी है।
लखनऊ के बीएसए ने शिक्षकों से आपत्तियां मांगी हैं। विद्यालयों की छात्र संख्या में हेरफेर की हर जिले से शिकायतें आ रही हैं लेकिन, अफसर उस पर मौन साधे हैं।
परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 65 हजार शिक्षकों का जिले के ही सुदूर स्थित विद्यालयों में जरूरत के हिसाब से समायोजन होना है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन होनी थी लेकिन, शिक्षकों का सैलरी डाटा फीड न होने से ऑफलाइन समायोजन होने का आदेश जारी हुआ है। अब कई बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने सरप्लस शिक्षकों की सूची का प्रकाशन किया है, यह सूचियां विकासखंड के अनुरूप बनी हैं। तैयारी है कि अब शिक्षकों की काउंसिलिंग कराकर उन्हें विद्यालय का आवंटन होगा, ताकि किसी को परेशानी नहीं हो।
ऐसे जिलों की तादाद भी काफी अधिक हैं, जहां के बीएसए सूची प्रकाशन नहीं कर रहे हैं, बल्कि खंड शिक्षा अधिकारी को थमाकर आदेश का अनुपालन कराने को कह रहे हैं। लखनऊ में बीएसए ने आदेश जारी किया है कि जिस शिक्षक को समायोजन से आपत्ति है वह लिखकर दे।
तमाम जिलों से छात्र संख्या में हेरफेर करने की बहुतायत शिकायतें आ रही हैं, जिसमें शिक्षकों ने छात्र संख्या मनमाने तरीके से बढ़ा दी है, ताकि अपनों को दूर जाने से बचाया जा सके। इसकी लिखित शिकायतें भी हो रही हैं, लेकिन अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं उनका कहना है कि बढ़ी छात्र संख्या मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी है अब उसे कैसे घटाया जाए। अफसर यह भूल गये हैं कि बच्चों का आधार कार्ड बनाने में सही छात्र संख्या सामने आने पर वह कौन सा तर्क देंगे। असल में छात्र संख्या के हिसाब से ही प्राथमिक स्कूलों में समायोजन हो रहा है, जिलों में प्रक्रिया शुरू होते ही शिक्षकों की दौड़ भी तेज हो गई है। छात्र संख्या पर बड़े अफसर भी चुप्पी साधे हैं।
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