फैजाबाद। बीते 17 अगस्त से पुन: आंदोलनरत शिक्षामित्र मुख्यमंत्री के
आश्वासन पर गुरुवार को काम पर लौटे और पठन-पाठन शुरु हुआ। जबकि महिला
शिक्षकों की तैनाती स्थल पर तीज पर्व के उपलक्ष्य में विद्यालय बंद रहे।
ऐसे शहर में 13 स्कूलों के ताले नहीं खुले।
शिक्षामित्रों का कहना है कि आंदोलन सिर्फ तीन दिन के लिए स्थगित किया गया है, प्रभावी कार्रवाई न होने पर पुन: प्रदर्शन किया जाएगा। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किए जाने के बाद जिले के कुल 1992 शिक्षामित्रों ने बीते 17 अगस्त से शिक्षण कार्य छोड़कर दोबारा आंदोलन की राह पकड़ ली थी।
इस वजह से एक बार फिर परिषदीय स्कूलों के नौनिहालों की पढ़ाई बाधित हो गई। नगर क्षेत्र के 28 विद्यालय तो सिर्फ एकल शिक्षामित्रों के सहारे ही संचालित हैं, जिनमें पूरी तरह से तालाबंदी की स्थित आ गई। बच्चे रोज बस्ता लेकर पढ़ाई की आश में स्कूल आते और ताला लटका देखकर लौट जाते।
विभाग तो शिक्षक कम होने का रोना रोता रहा और उसे कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं दिखा। बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन के बाद शिक्षामित्रों ने सोमवार को लखनऊ कूच कर दिया, जहां चले तीन दिवसीय आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता किया और समान काम, समान वेतन का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के विधिक तौर पर स्थाई निदान के लिए तीन सदस्यीय टीम भी गठित की। उक्त आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों ने तीन दिन तक आंदोलन स्थगित करके शिक्षण कार्य शुरु करने का निर्णय लिया।
गुरुवार को शिक्षामित्र स्कूलों में पहुंचे और पठन-पाठन शुरु हुआ। तीज पर्व की वजह से महिला शिक्षकों के लिए अवकाश पूर्व में ही निर्धारित था, इसलिए कई विद्यालय बंद रहे।
शुरु हुआ शिक्षण कार्य
शिक्षामित्रों का आंदोलन स्थगित होने के बाद गुरुवार को सभी पुरुष शिक्षामित्रों ने स्कूलों में उपस्थिति दर्ज कराई है और शिक्षण कार्य शुरु हुआ है। महिलाओं के लिए पूर्व में ही अवकाश घोषित था, नगर में ऐसे 13 स्कूल बंद रहे।
-संजय कुमार गुप्ता, नगर शिक्षा अधिकारी
वादाखिलाफी हुई तो फिर होगा आंदोलन
यदि सरकार ने तीन दिन में अपने वादे पर अमल करते हुए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की और समस्या का स्थाई निदान नहीं किया तो हम लोग पुन: आंदोलित होने को विवश होंगे। तीन दिन तक शिक्षण कार्य किया जाएगा।
-दुर्गेश मिश्र, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय शिक्षामित्र संघ फैजाबाद
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शिक्षामित्रों का कहना है कि आंदोलन सिर्फ तीन दिन के लिए स्थगित किया गया है, प्रभावी कार्रवाई न होने पर पुन: प्रदर्शन किया जाएगा। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किए जाने के बाद जिले के कुल 1992 शिक्षामित्रों ने बीते 17 अगस्त से शिक्षण कार्य छोड़कर दोबारा आंदोलन की राह पकड़ ली थी।
इस वजह से एक बार फिर परिषदीय स्कूलों के नौनिहालों की पढ़ाई बाधित हो गई। नगर क्षेत्र के 28 विद्यालय तो सिर्फ एकल शिक्षामित्रों के सहारे ही संचालित हैं, जिनमें पूरी तरह से तालाबंदी की स्थित आ गई। बच्चे रोज बस्ता लेकर पढ़ाई की आश में स्कूल आते और ताला लटका देखकर लौट जाते।
विभाग तो शिक्षक कम होने का रोना रोता रहा और उसे कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं दिखा। बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन के बाद शिक्षामित्रों ने सोमवार को लखनऊ कूच कर दिया, जहां चले तीन दिवसीय आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता किया और समान काम, समान वेतन का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के विधिक तौर पर स्थाई निदान के लिए तीन सदस्यीय टीम भी गठित की। उक्त आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों ने तीन दिन तक आंदोलन स्थगित करके शिक्षण कार्य शुरु करने का निर्णय लिया।
गुरुवार को शिक्षामित्र स्कूलों में पहुंचे और पठन-पाठन शुरु हुआ। तीज पर्व की वजह से महिला शिक्षकों के लिए अवकाश पूर्व में ही निर्धारित था, इसलिए कई विद्यालय बंद रहे।
शुरु हुआ शिक्षण कार्य
शिक्षामित्रों का आंदोलन स्थगित होने के बाद गुरुवार को सभी पुरुष शिक्षामित्रों ने स्कूलों में उपस्थिति दर्ज कराई है और शिक्षण कार्य शुरु हुआ है। महिलाओं के लिए पूर्व में ही अवकाश घोषित था, नगर में ऐसे 13 स्कूल बंद रहे।
-संजय कुमार गुप्ता, नगर शिक्षा अधिकारी
वादाखिलाफी हुई तो फिर होगा आंदोलन
यदि सरकार ने तीन दिन में अपने वादे पर अमल करते हुए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की और समस्या का स्थाई निदान नहीं किया तो हम लोग पुन: आंदोलित होने को विवश होंगे। तीन दिन तक शिक्षण कार्य किया जाएगा।
-दुर्गेश मिश्र, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय शिक्षामित्र संघ फैजाबाद
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