लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार 1,37000 पदों पर बेसिक
शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है। बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया
दिसंबर 2017 तक शुरू हो जाएगी।
प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब सिर्फ टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) ही काफी नहीं है, बल्कि अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी। मंगलवार को यूपी कैबिनेट की बैठक के बाद प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब लिखित परीक्षा के माध्यम से बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति होगी। लिखित परीक्षा 60 अंकों की होगी और एकेडमिक के 40 अंक मिलेंगे। इस परीक्षा में सिर्फ TET पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे।
विभागीय अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने कहा कि 15 अक्टूबर 2017 में टीईटी (UP-TET) परीक्षा होगी, ताकि शिक्षामित्र शिक्षक बनने की आवश्यक अर्हता हासिल कर सकें। दिसम्बर में 1,37000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति होगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 1,12,747 प्राथमिक और 45,649 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में 46 हजार से ज्यादा प्राइमरी टीचरों के पद खाली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के 15 जिले शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि पांच जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक सरप्लस हैं।
टीईटी के साथ लिखित परीक्षा पास करना जरूरी
योगी कैबिनेट के फैसले से स्पष्ट है कि चाहें शिक्षामित्र हों या अन्य अभ्यर्थी, बेसिक टीचर बनने के लिए सभी को टीईटी के अलावा लिखित परीक्षा पास करना जरूरी होगा। जबकि अभी तक टीईटी पास अभ्यर्थियों की डायरेक्ट भर्ती हो रही थी। हालांकि, शिक्षामित्रों के लिए थोड़ी राहत वाली बात यह है कि उन्हें अधिकतम 10 साल का यानी प्रति वर्ष ढ़ाई नंबर के हिसाब से 25 अंकों का वेटेज मिलेगा। कैबिनेट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों के चेहरों पर खुशी जैसी कोई बात नहीं दिखी। शिक्षामित्र कौशल किशोर ने कहा कि कैबिनेट के फैसले के बाद बेसिक टीचर बनने के लिए अब उन्हें टीईटी के साथ लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी।
शिक्षामित्रों को मिलेगा वेटेज
मंगलवार को लोकभवन में हुई योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में शिक्षामित्रों को भारांक (वेटेज) देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई। शिक्षामित्रों को उनके अनुभव के आधार पर वेटेज मिलेगा और हर साल सेवा के लिए उन्हें 2.5 अंकों का वेटेज मिलेगा। शिक्षामित्रों को अधिकतम 10 साल के लिए 25 नंबर दिए जाएंगे। इसे ऐसे समझें कि सहायक अध्यापक बनने के लिए एक नए अभ्यर्थी और शिक्षामित्र ने आवेदन किया है। दोनों को टीईटी से 100-अंक मिले हैं। तो ऐसे में शिक्षामित्रों को उनके अनुभव का वेटेज दिया जाएगा। मतलब अगर शिक्षामित्र ने 10 साल नौकरी कर ली है तो उसके कुल अंक 125 हो जाएंगे, जो नए अभ्यर्थी से कहीं ज्यादा होंगे।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब सिर्फ टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) ही काफी नहीं है, बल्कि अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी। मंगलवार को यूपी कैबिनेट की बैठक के बाद प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब लिखित परीक्षा के माध्यम से बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति होगी। लिखित परीक्षा 60 अंकों की होगी और एकेडमिक के 40 अंक मिलेंगे। इस परीक्षा में सिर्फ TET पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे।
विभागीय अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने कहा कि 15 अक्टूबर 2017 में टीईटी (UP-TET) परीक्षा होगी, ताकि शिक्षामित्र शिक्षक बनने की आवश्यक अर्हता हासिल कर सकें। दिसम्बर में 1,37000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति होगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 1,12,747 प्राथमिक और 45,649 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में 46 हजार से ज्यादा प्राइमरी टीचरों के पद खाली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के 15 जिले शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि पांच जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक सरप्लस हैं।
टीईटी के साथ लिखित परीक्षा पास करना जरूरी
योगी कैबिनेट के फैसले से स्पष्ट है कि चाहें शिक्षामित्र हों या अन्य अभ्यर्थी, बेसिक टीचर बनने के लिए सभी को टीईटी के अलावा लिखित परीक्षा पास करना जरूरी होगा। जबकि अभी तक टीईटी पास अभ्यर्थियों की डायरेक्ट भर्ती हो रही थी। हालांकि, शिक्षामित्रों के लिए थोड़ी राहत वाली बात यह है कि उन्हें अधिकतम 10 साल का यानी प्रति वर्ष ढ़ाई नंबर के हिसाब से 25 अंकों का वेटेज मिलेगा। कैबिनेट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों के चेहरों पर खुशी जैसी कोई बात नहीं दिखी। शिक्षामित्र कौशल किशोर ने कहा कि कैबिनेट के फैसले के बाद बेसिक टीचर बनने के लिए अब उन्हें टीईटी के साथ लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी।
शिक्षामित्रों को मिलेगा वेटेज
मंगलवार को लोकभवन में हुई योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में शिक्षामित्रों को भारांक (वेटेज) देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई। शिक्षामित्रों को उनके अनुभव के आधार पर वेटेज मिलेगा और हर साल सेवा के लिए उन्हें 2.5 अंकों का वेटेज मिलेगा। शिक्षामित्रों को अधिकतम 10 साल के लिए 25 नंबर दिए जाएंगे। इसे ऐसे समझें कि सहायक अध्यापक बनने के लिए एक नए अभ्यर्थी और शिक्षामित्र ने आवेदन किया है। दोनों को टीईटी से 100-अंक मिले हैं। तो ऐसे में शिक्षामित्रों को उनके अनुभव का वेटेज दिया जाएगा। मतलब अगर शिक्षामित्र ने 10 साल नौकरी कर ली है तो उसके कुल अंक 125 हो जाएंगे, जो नए अभ्यर्थी से कहीं ज्यादा होंगे।
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