जागरण संवाददाता, वाराणसी: प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान हंगामा करने पर गिरफ्तार किए गए 36 शिक्षामित्रों को बर्खास्त करने की तैयारी है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने की संस्तुति करने के साथ ही सभी से स्पष्टीकरण मांगा है।
बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश का पालन जल्द से करने को कहा गया है। शासन के इस रुख से शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल में उबाल है। प्रदेश भर में आंदोलन की चेतावनी दी गई है।1बीते 23 सितंबर को पशु धन प्रक्षेत्र का लोकार्पण करने शहंशाहपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में अपनी मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने हंगामा कर दिया था। इसके बाद 36 शिक्षामित्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। जेल में बंद शिक्षामित्रों को बड़ी मुश्किल से 15 दिन बाद जमानत मिल सकी थी। इसमें 13 जिलों के शिक्षामित्रों को निरुद्ध किया गया। जमानत पर छूटने के बाद कुछ जिलों के शिक्षामित्रों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया, लेकिन बनारस व चंदौली के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षामित्रों को कार्यभार देने से पहले शिक्षा निदेशक (बेसिक) से सुझाव मांग लिया। इसके बाद शासन की ओर से 16 अक्टूबर को गिरफ्तार सभी शिक्षामित्रों से स्पष्टीकरण मांग लिया गया। शिक्षा निदेशक (बेसिक) डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने जेल में बंद शिक्षामित्रों से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही जनपद स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत कराकर उनकी संविदा समाप्त करने को कहा है। शासन के इस रुख पर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल ने कड़ा रुख अपनाया है। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अमरेंद्र दुबे ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। कहा कि शासन की ओर से शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने पर प्रदेश भर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
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बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश का पालन जल्द से करने को कहा गया है। शासन के इस रुख से शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल में उबाल है। प्रदेश भर में आंदोलन की चेतावनी दी गई है।1बीते 23 सितंबर को पशु धन प्रक्षेत्र का लोकार्पण करने शहंशाहपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में अपनी मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने हंगामा कर दिया था। इसके बाद 36 शिक्षामित्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। जेल में बंद शिक्षामित्रों को बड़ी मुश्किल से 15 दिन बाद जमानत मिल सकी थी। इसमें 13 जिलों के शिक्षामित्रों को निरुद्ध किया गया। जमानत पर छूटने के बाद कुछ जिलों के शिक्षामित्रों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया, लेकिन बनारस व चंदौली के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षामित्रों को कार्यभार देने से पहले शिक्षा निदेशक (बेसिक) से सुझाव मांग लिया। इसके बाद शासन की ओर से 16 अक्टूबर को गिरफ्तार सभी शिक्षामित्रों से स्पष्टीकरण मांग लिया गया। शिक्षा निदेशक (बेसिक) डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने जेल में बंद शिक्षामित्रों से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही जनपद स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत कराकर उनकी संविदा समाप्त करने को कहा है। शासन के इस रुख पर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल ने कड़ा रुख अपनाया है। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अमरेंद्र दुबे ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। कहा कि शासन की ओर से शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने पर प्रदेश भर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
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