शिक्षामित्र अपनी लड़ाई लड़ सकते हैं तो वित्तविहीन क्यों नहीं

 सुलतानपुर : जब संख्या बल के आधार पर शिक्षामित्र अपनी लड़ाई लड़ सकते हैं और वाजिब हक हासिल कर सकते हैं तो वित्तविहीन शिक्षक क्यों नहीं। उन्हें भी संगठन और ताकत का एहसास कराना होगा।
मानदेय रोकने का प्रदेश सरकार का कदम अत्यंत अदूरदर्शितापूर्ण है। ये कहना है विधान परिषद सदस्य एवं माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष उमेश द्विवेदी का। वे रविवार को संगठन की जागरूकता रैली के मद्देनजर तैयारियों के सिलसिले में जिला मुख्यालय आए थे और संगठन कार्यकर्ताओं से मुखातिब थे।

लोक निर्माण विभाग के सिविल लाइन स्थित अतिथि गृह में संगठन की बैठक को संबोधित करते हुए द्विवेदी ने कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय बंद किए जाने को लेकर 21 अगस्त से ही जागरूकता रैली प्रदेश भर में चल रही है। आगामी 17 नवंबर को ये रैली सुलतानपुर जिले में पहुंचेगी। जिसमें बड़ी तादाद में यहां के भी कार्यकर्ता शरीक होंगे। उन्होंने माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रहे हरिद्वार ¨सह व उनके साथियों का संगठन में स्वागत किया और सदस्यता दिलाई। ¨सह को अब महासभा का जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। उन्हें संगठन विस्तार की जिम्मेदारी दी गई है। ¨सह के साथ महासभा में शामिल होने वाले जफरेआलम नगर अध्यक्ष, रीता श्रीवास्तव महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष, विवेक शर्मा जिला उपाध्यक्ष, शैलेंद्र तिवारी जिला मंत्री, समर बहादुर ¨सह जिला उपाध्यक्ष, मोदिता गुप्ता महिला प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष, सतीश पांडेय संगठन मंत्री, तबस्सुम मंत्री बनाए गए हैं। इस अवसर पर प्रदेश महासचिव उमेश ¨सह, प्रदेश संगठन मंत्री सत्यव्रत ¨सह, दिनेश मिश्र, महेश शुक्ल आदि ने भी बैठक को संबोधित किया।
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