एनबीटी सं., लखनऊ : माध्यमिक शिक्षक संघ ने एक बार फिर शहर के कॉलेजों
में हुई नियुक्तियों में फर्जीवाड़े का मुद्दा उठाया है। संघ के अनुसार
कालीचरण पीजी कॉलेज के प्राइमरी सेक्शन में 15 शिक्षकों की नियुक्ति का
विज्ञापन निकाला गया था।
जबकि माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से 23 शिक्षकों
का वेतन जारी किया जा रहा है। ऐसे में 8 पदों पर फर्जी तरीके से नियुक्ति
कर दी गई। आरोप है कि शिकायत के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सितंबर
2016 में विज्ञापन निकालने के बाद हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत
संगठन ने दस जनवरी को उप मुख्यमंत्री और 24 जनवरी को मुख्यमंत्री के जन
सुनवाई पोर्टल पर की थी। इसके बाद जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपी गई।
निदेशक ने डीआईओएस को जांच के आदेश दिए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं
हुई। संगठन के प्रदेशीय मंत्री आरपी मिश्रा ने रविवार को प्रेस वार्ता में
बताया कि कालीचरण के साथ ही गिरधारी सिंह, यशोदा गर्ल्स और खुनखुन जी इंटर
कॉलेज में भी फर्जीवाड़ा हुआ है। आरोप है कि एक कॉलेज में प्रिंसिपल ने
बेटे और रिश्तेदारों को ही नौकरी दे दी। शिकायत के बावजूद ध्यान न दिए जाने
के विरोध में संगठन ने 18 मार्च से शुरू होने वाली यूपी बोर्ड की कॉपियों
के मूल्यांकन का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। एक दिवसीय बहिष्कार के
बावजूद ध्यान न दिए जाने पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
डीआईओएस बोले, मैं जांच कर ही नहीं सकता
वहीं,
डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि मैं इस मामले की जांच कर ही नहीं
सकता। प्राइमरी की नियुक्तियों का मामला संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर पर
देखा जाता है। उधर, संयुक्त शिक्षा निदेशक एसके तिवारी के अनुसार कई जांचें
चल रही हैं। ऐसे में मामले देखने के बाद ही बताया जा सकता है कि जांच किसे
दी गई और क्या हुआ।
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