सूप बोले तो बोले, छलनी भी बोले, जिसमें 72,825 छेद...............
एक ऐसा व्यक्ति जिसने अपने पूरे शासनकाल में कभी बीएड टेट का नाम नही लिया, जिसने कभी बीएड टेट का सहयोग नही किया, जो हमेशा बीएड टेट के विरोध में रह, और ऐसा कोई आंदोलन नही था बीएड टेट का
जिसमें इन्होंने लाठी ना भांजी हो। हमारे कई साथी आज उन लाठियों की बजह से हमें हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चले गए। आज वो व्यक्ति बीएड टेट पर हुए अन्याय की बात उठा रहा है।
अखिलेश बाबू बीएड टेट पर हो रहे न्याय या अन्याय की बात हम स्वयं कर लेंगे आप अपना मुहँ खोलकर हमारी माँग को अशुद्ध ना करें।
इसके साथ ही समस्त बीएड टेट साथियों से भी प्रश्न करता हूँ और वह स्वयं को ही उत्तर दें कि "विगत 63दिनों से लखनऊ में आपके साथी आंदोलन कर रहे है क्या आपकी कोई जिम्मेदारी नही बनती है कि आप 1दिन भी उसका हिस्सा बने..????"
सभी से निवेदन है कि पुनः संगठित हों और 29तारीख से फिर एक बड़े आंदोलन हेतु एससीईआरटी, निशातगंज, लखनऊ पहुँचे।
✍मयंक तिवारी
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