बुर्जुग शिक्षक व कर्मी के पेंशन सम्बधित राज्यपाल के बयान की घोर निंदा करता हू ।
कुछ सवाल -----
1-- क्या 80--85 साल के बुर्जुग देश के नागरिक नही रह जाते
2--क्या देश के बुर्जुग नागरिको को सामाजिक सुरक्षा देना सरकार का काम नही है ??
3--देश के नेताओ के रिटारमेंट की उम्र नही होनी चाहिए??
4-- जन सेवा करने वालो को वेतन भत्ते की क्या जरूरत है ??
5--गरीब जनता और बार्डर खड़ा सैनिक टैक्स दे और राजनेता टैक्स फ्री २हे क्यो भाई??
6--राज्य पाल के पद की आज की तारीख में क्या उपयोगिता है ??
7--लगभग सभी राजनेता करोणपति ,अरबपति फिर पेंशन की क्या आवश्यकता ,??
8--एक व्यक्ति के लिए शहर के हार्टप्लेस पर 20 वीधे से अधिक जगह पर आवास की क्या आवश्यकता??
9---एक राज्यपाल के लिए हजारो कर्मचारी ,सैकडो सुरक्षाकर्मी सालाना कई करोण का बजट की क्या जररूत है??
10--राज्यपाल महोदय अपने कायों एवं सेकडो सुविधायो (आना ,जाना, रहना ,खाना ,कुछ भी करना सब जनता के टैक्स पर ऐशो आराम करना ) की समीक्षा आखिर कब करेगे???
युवाओ की पेंशन जब छीनी गई तो हमारे बुर्जुग कर्मचारियो ने सोचा हमे तो मिल २ही है हम क्यो लडे आज आप की पेंशन बंद क२ने की तैयारी है लेकिन नव जवान चुप नही बैठेगा ।
आइए चलिए मिल कर 30-- अप्रैल दित्ली चलते है आपकी बचाने एवं अपनी पुनः बहाल कराने के लिए ।
आपका ----
विजय कुमार बन्धु
प्रदेश अध्यक्ष
अटेवा उ० प्र०
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