उत्तर तक पता नहीं, करा ली टीईटी -17: शिक्षक पात्रता परीक्षा में गलत सवाल पूछे जाने का मामले में हाईकोर्ट ने की थी तीखी टिप्पणी
उत्तर
प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2017 में पूछे गए सवाल का सही
उत्तर तक पता नहीं और इतनी महत्वपूर्ण परीक्षा करा ली गई। गलत सवाल को
लेकर हुई याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने टीईटी कराने
वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी पर तीखी टिप्पणी की है।इसी के साथ
एक बार फिर विषय विशेषज्ञों की योग्यता सवालों के घेरे में है। इससे पहले
भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन
बोर्ड की भर्ती परीक्षाओं में गलत सवाल पूछने को लेकर कई बार विवाद हो चुके
हैं। 15 अक्तूबर 2017 को आयोजित टीईटी में गलत सवाल पूछने, प्रश्नों का
सही जवाब पता नहीं होने और पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न पूछे जाने का ही
नतीजा है कि 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 12 मार्च को
प्रस्तावित लिखित परीक्षा का टलना लगभग तय है। उदाहरण के तौर पर बुकलेट
सीरीज सी के प्रश्न संख्या 32 में पूछा गया कि हंिदूी भाषा में कितनी
बोलियां हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी का कहना है कि अधिकृत किताबों में
17 बोलियां मानी जाती हैं। जबकि कुछ किताबों में 18 और कुछ में 19 बोलियां
लिखी हैं। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि जब विशेषज्ञ इस बात को लेकर आश्वस्त
नहीं हैं कि कितनी बोलियां हैं तो यह सवाल पूछा ही नहीं जाना चाहिए था। इसी
प्रकार एक अन्य सवाल आया कि कौन सी अल्ट्रावॉयलेट किरणों मनुष्य के लिए
खतरनाक हैं। विकल्प दिए गए यूवी-ए, यूवी-बी, यूवी-सी या इनमें से कोई
नहीं।परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने अधिकृत किताबों के हवाले से यूवी-बी को
सही जवाब माना जबकि उत्तरमाला में यूवी-सी को सही जवाब माना गया। इस सवाल
को भी हाईकोर्ट ने गलत प्रश्न की श्रेणी में रखा है। ऐसे ही विवाद अन्य
प्रश्नों को लेकर भी हैं।
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