इलाहाबाद : मेजा के निजी विद्यालय में छात्रवृत्ति के फर्जीवाड़े में
आधा दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
दरअसल, अब तक की जांच में समाज कल्याण विभाग और बेसिक शिक्षा अधिकारी
कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों के छात्रवृत्ति
घोटाले का खेल सामने आया है। मामला मेजा के चपरतला भदेवरा गांव स्थित अमृत
लाल भारतीय विद्यार्थी प्राथमिक विद्यालय व जूनियर हाईस्कूल का है। डीपीआरओ
आरपी मिश्र की मानें तो विद्यालय के प्रबंधक राजाराम विद्यार्थी खुद ही
अपने जाल में फंस गए हैं। 1उन्होंने दबाव बनाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित
जाति आयोग से शिकायत की थी मगर अब उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश हो गए
हैं। दरअसल, प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूल में जितने बच्चों की
छात्रवृत्ति ली जा रही थी, उतने छात्रों के बैठने के लिए इंतजाम तक नहीं
थे। न तो बैठने के लिए फर्नीचर थे और न ही अन्य व्यवस्थाएं। प्राथमिक जांच
में ही पता चला कि फर्जी शिक्षक रखे गए थे। छात्रों की फर्जी सूची पर समाज
कल्याण विभाग और बेसिक शिक्षा कार्यालय से मिलीभगत कर छात्रवृत्ति की
धनराशि डकार ली जाती रही। पिछले छह वर्षो से तो विद्यालय की हालत और दयनीय
हो गई है। अब यहां पर सड़क बनाने वाली कंपनी का सामान है। डंपर समेत अन्य
वाहन और सामान रखे हैं। मिड डे मील के लिए बना किचन स्टोर में तब्दील हो
गया है। प्रधानाचार्य कक्ष कंपनी का गोदाम बन गया है। 1वापस कराई जाएगी
वजीफा राशि: एसडीएम मेजा शिवानी सिंह ने बताया कि दोषी लोगों की पूरी फाइल
तैयार कराई जाएगी। साथ ही अब तक ली गई वजीफे की राशि की वसूली कराई जाएगी।
1प्रधान और ग्राविअ पर मुकदमा : जिला प्रशासन की ओर से तत्कालीन ग्राम
प्रधान नंदलाल कुशवाहा व ग्राम विकास अधिकारी भोलानाथ व एक अन्य के खिलाफ
मुकदमा दर्ज करा दिया गया। दरअसल, मामला जब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
पहुंचा था, तभी इसमें प्रथम दृष्टया मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। अब जांच
के बाद जो भी लपेटे में आएगा,उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
मेजा एसडीएम व डीपीआरओ की रिपोर्ट में छात्रवृत्ति की पकड़ में आया है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निर्देश पर अब जांच कमेटी गठित कराकर
विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ दोषियों पर कार्रवाई कराई जाएगी।
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