मुरादाबाद (तेजप्रकाश सैनी): बेसिक शिक्षा में शिक्षक भर्ती घोटाले की
जाच में रोज नए खुलासे हो रहे है। जांच में तत्कालीन बीएसए संजय सिंह की एक
रिपोर्ट को शामिल किया गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि सुल्तानपुर का
आवेदक कोर्ट में गलत तथ्य पेश करके परिणाम आने से पहले भर्ती प्रक्रिया
में शामिल हो गया।
उसी आदेश पर अन्य को भी लाभ मिला। मुरादाबाद में ऐसे 32
शिक्षकों की नियुक्ति संदेह के दायरे में हैं। उनकी शिक्षक भर्ती से जुड़ी
फाइलें जब्त की जा चुकी हैं। रिपोर्ट में ये है जिक्र
रिपोर्ट में जिक्र है कि नौ दिसंबर 2014 को पहली बार बीटीसी, विशिष्ट
बीटीसी, उर्दू बीटीसी के आवेदन मागे गए थे। यह आवेदन 2004, 2007 व 2008 में
विशिष्ट बीटीसी व बीटीसी पास अभ्यर्थियों के थे। इसके बाद भी अन्य
अभ्यर्थियों ने परिणाम आने से पहले आवेदन कर दिया था। उनका आवेदन बेसिक
शिक्षा परिषद के आदेश पर निरस्त हो गया था। इसके बाद सुल्तानपुर के आवेदक
ने कोर्ट में गलत साक्ष्य देकर काउंसिलिंग में शामिल होने की अनुमति ली। अब
डीएम ने बीएसए योगेंद्र कुमार से भर्ती संबंधी बिंदुवार रिर्पोट मागी है,
जिसमें पूर्व बीएसए संजय सिंह की इस रिपोर्ट को शामिल किया है। इसमें यह भी
बताया गया है कि बीटीसी में आवेदन की तिथि 25 अप्रैल 2015 थी। जबकि
सुल्तानपुर के आवेदक का नतीजा 29 अप्रैल 2015 को आया। इसके बाद भी उसने
आवेदन करते समय पंजीयन संख्या 6100008935 पर पूर्ण रूप से योग्य बताते हुए
शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग में हिस्सा लेने की अनुमति मागी। डीएम के समझ
दोनों पक्षों ने रखी अपनी बात
डीएम के सामने आरोपित शिक्षकों और पोर्टल पर शिकायत करने वालों ने
अलग-अलग मिलकर अपना पक्ष रखा है। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद ही
रिपोर्ट डीएम को दी जाएगी।
- योगेंद्र कुमार, बीएसए
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