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राणा : 2019 का चुनाव और बड़ी बात केंद्र की सत्ता उत्तरप्रदेश और बिहार से होकर निकलती है

कहा गया था कि राष्ट्र की GDP का छः फ़ीसदी शिक्षा पर ख़र्च हो परंतु समान कार्य समान वेतन पर बिहार के शिक्षकों के पक्ष में हुए निर्णय के विरुद्ध बिहार सरकार मा० सर्वोच्च न्यायालय गई थी जिसकी सुनवाई बारह
जुलाई को हुई थी जिसमें केंद्र सरकार से मसले का सुझाव माँगा था जिसमें सरकार ने साफ़ पैसे का रोना रोया है |चूँकि गिरगिट की तरह से बिहार में विद्यमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र से हाथ मिला चुके हैं तो अब ये गेंद नीतीश कुमार ने full toss केंद्र को फेंकी है कि पिछले दो दशकों से जो हम शोषण करते आए हैं उसका हिसाब वहाँके राष्ट्र निर्माता माँग रहे हैं जिसका फ़ैसला भी उन्ही के पक्ष में आया है अब या तो मदद करो या नीतीश कुमार के नज़रिए से बिहार को लुटने से बचा लो क्योंकि हर बिहारी शिक्षक फ़ैसला पक्ष में आते ही दस लाख कम से कम का मालिक हो जाएगा और हर माह का पचास हज़ारी |
2019 का चुनाव और बड़ी बात केंद्र की सत्ता उत्तरप्रदेश और बिहार से होकर निकलती है और यहाँ कई लाख भावी शिक्षक एवं वर्तमान शिक्षक रोज़ी रोटी , रोज़गार एवं पेंशन जैसे मुद्दों को चुनाव में भुनाना चाहते हैं जिसके मद्देनज़र सरकार के दोहराने की राह आसान नहीं दिख रही है बाक़ी बिहार मुद्दा राष्ट्र हित का मुद्दा है नाकि स्वाहित का पेट भूखा होगा तो भाजपा कांग्रेस नहीं रोज़ी रिजक पेट भरेगा न उसमें कोई हिन्दू होगा न मुसलमान |
उत्तरप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री को बीएड एवं शिक्षामित्र विवाद विरासत में मिला था और बिहार सरकार ने इस विवाद को पुनः जन्म दिया है जिसकी जड़ नीतीश कुमार के पूर्व शिक्षामंत्री ने बिहार उच्च न्यायालय के समक्ष खोदी |
केंद्र सरकार और बिहार सरकार फ़िलहाल बीच के रास्ते की खोज में है कि बीस फ़ीसदी तक बढ़ोतरी कर देंगे लेकिन अब तक के हुए शोषण पर दोनो मौन हैं |
बाक़ी पुरानी पेंशन का एलान लाल क़िले की प्राचीर से कराने की पोस्ट डालने वालों के लिए ये ही कहूँगा Get well soon | 😁
धन्यवाद
#राणा 😎
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