यूपी में 68500 शि​क्षक भर्ती के इन अभ्यर्थियों को मिल सकती है बड़ी राहत : अनुपमा जयसवाल ने न्यूज़ 18 से की वार्ता

बेसिक शिक्षा विभाग की 68500 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में करीब 1 लाख, 7 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इनमें से सिर्फ 40787 के करीब अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति मिली है.

उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिल सकती है. अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा की स्कैन कॉपी लेने के लिए जमा किया 2-2 हजार रुपये का शुल्क वापस हो सकता है. बेसिक शिक्षा विभाग जल्द इस पर निर्णय लेगा. बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने न्यूज 18 से बात करते हुए यह बताया.

बेसिक शिक्षा विभाग की 68500 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में करीब 1 लाख, 7 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इनमें से सिर्फ 40787 के करीब अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति मिली है. इस पूरी भर्ती में गड़बड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जिनसे साफ हो चुका है कि पूरी भर्ती में बड़े स्तर पर फेल अभ्यर्थियों को पास करके चयनित किया गया तो पास अभ्यर्थियों के नंबर घटाकर फेल कर दिया गया.
अब अभ्यर्थी अपनी कॉपी देखने के लिए 2-2 हजार के बैंक ड्राफ्ट जमा कर रहे हैं. अभ्यर्थी लगातार मांग कर रहे हैं कि जब कॉपियों में गड़बड़ी परीक्षा नियामक प्राधिकारी के यहां से हुई है तो उनसे कॉपी दिखाने का शुल्क न लिया जाए. न्यूज 18 ने भी अभ्यर्थियों से हो रही इस फीस वसूली के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अनुसार अब तक 6 हजार से अधिक अभ्यर्थी अपनी कॉपियों को देखने के लिए शुल्क जमा कर आवेदन कर चुके हैं.

इस हिसाब से अब तक स्कैन कॉपी के नाम पर करीब सवा करोड़ रुपये परीक्षा नियामक प्राधिकारी के खाते में जा चुके हैं. बेसिक शिक्षा विभाग इस पर विचार कर रहा है कि जिन अभ्यर्थियों की स्कैन कॉपी में गड़बड़ी सामने आएगी उनको 2 हजार रुपये जमा किया गया शुल्क वापस कर दिया जाए. जल्द विभाग इसका आदेश जारी कर सकता है.

बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि इस पर हम विचार कर रहे हैं. उनका भी यही मानना है कि अगर कॉपी चेक करने में किसी एग्जामनर की गलती है तो कॉपी दिखाने में ​शुल्क न लिया जाए.